भोपाल । गर्मी का मौसम शुरू होते ही 15 फरवरी से वन विभाग का फायर सीजन शुरू हो गया है। इस सीजन में जंगल मे आग की जानकारी और उसकी लोकेशन को तत्काल चिन्हित करने के लिए वन विभाग, फारेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया के फायर एलर्ट एप का इस्तेमाल कर रहा है। यह एप आई टी सेल के माध्यम से सेटेलाइट प्रोग्राम से कनेक्टेड है यानी जुड़ा हुआ है। जंगल मे में कंही भी आग लगने पर इसकीं खबर मैसेज के जरिये एप से जुड़े वन्य अधिकारी कर्मचारी को मिल जाती है। आग की खबर जल्दी से जल्दी मिल सके इस लिए अब वन विभाग आम जनता को भी जोडऩे का अभियान शुरू कर कर दिया है।
यानी वन विभाग, जंगल मे लगी आग की तत्काल सूचना पाने के लिए अपने फायर अलर्ट एप के जरिये सूचना तंत्र का विस्तार करते हुए जनभागीदारी से जंगल मे आग को ज्यादा इलाको में फैलने से रोक सकेगा। वन मंत्रालय ने वन विभाग के हर अधिकारी कर्मचारी को कम से कम 10 नागरिकों को जोडऩे के निर्देश दिए है।
जुडऩे के लिए लोड नही करना पड़ेगा एप
वन विभाग के महू वन क्षेत्र के एसडीओ कैलाश जोशी ने बताया कि फायर एलर्ट एप से कोई भी जुड़ सकता है। इससे जुडऩे के लिए यह एप्लिकेशन मतलब एप लोड नही करना पड़ेगा वन विभाग के किसी भी कर्मचारी के पास मौजूद इस एप की लिंक के जरिये कोई भी फायर एलर्ट एप से कनेक्ट यानी जुड़ सकता है। इससे वन विभाग का इम्फर्मेशन नेटवर्क यानी सूचना तंत्र मजबूत होगा। जंगल मे आग लगते ही एप से जुड़े सदस्यों को मैसेज के जरिये आग की न सिर्फ सुचना मिलेगी बल्कि जीपीएस सिस्टम के जरिये आग की लोकेशन भी पता चल जाएगी। यह जानकारी मिलते ही सम्बन्धित फारेस्ट रेंज की टीम अग्निकांड के इलाके के लिए रवाना हो जायेगी।
अब वॉच टावर और चौकीदारों के भरोसे नही
फायर एलर्ट एप के पहले वन विभाग को ,जंगल मे लगी आग की सूचना के लिये पुराने और परंपरागत तरीके पर ही निर्भर रहना पड़ता है। इस वजह से वन समितियों अथवा चौकीदार या वन रक्षकों के जरिये आग लगने की सूचना घण्टो बाद मिल पाती है। इस देरी की वजह से आग जंगल में दूर दूर तक फैल जाती है। अकेले इंदौर वन मण्डल में हर साल लगभग अलग अलग जगह लगभग 100 हेक्टयर जंगल आग की चपेट में आ जाता है। इससे हर साल और वन्यजीव सहित वन सम्पदा बहुत ज्यादा नुकसान होता आ रहा है। जंगल के अग्निकांड की तत्काल सूचना मिल सके जिससे आग को ज्यादा फैलन से रोका जा सके ।इस एप से जनता को जोडऩे का यही असली मकसद है। इस एप से जुडऩे के लिए कोई भी पास के नजदीक वन विभाग के कार्यालय से खुद भी सम्पर्क कर सकता है।
मैसेज से मिलती है जंगल में आग की खबर
इस फायर एलर्ट एप से आम नागरिको जोडऩे के लिए सभी वन समितियों सहित, वन रक्षकों चौकीदारों के अलावा सभी अधिकारी कर्मचारियो को भी निर्देश दिए है कि वे, मीडियाकर्मियों, पर्यावरण प्रेमियों सहित ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण निवासी और अन्य नागरिकों को जोड़े। इससे जुडऩे के बाद इस एप से जुड़े सदस्यों को उनके एंड्रॉइड मोबाइल पर आई टी सेल के माध्य्म से आग लगने की सूचना और जीपीएस सिस्टम से लोकेशन का मेसेज मिल जाता । जिससे वह वन विभाग या प्रशासन को सूचना देकर अलर्ट कर सकते है।
आग से निपटने के लिए 200 कर्मियों की फौज
फायर सीजन के चलते जंगल में लगी आग को आसपास के इलाकों में फैलने से रोकने और बुझाने के लिए इंदौर वन विभाग ने लगभग 200 लोगों की टीम तैयार कर रखी है। इस टीम में वन अधिकारी, कर्मचारी , वन समिति के सदस्य और, चौकीदार के अलावा अस्थायी श्रमिक भी शामिल है।