जयपुर । राजस्थान में बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लॉकडाउन किया गया है। इस दौरान पुलिस ने एक माह के भीतर 28 लोगों को रिश्वत लेते पकड़ा है। लॉकडाउन में भले ही ज्यादातर गतिविधियां थमी हों, लेकिन भ्रष्टाचरण की गतिविधियां चरम पर हैं। अप्रैल माह में ही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने रिकार्ड 28 अधिकारियों-कर्मचारियों को रिश्वत लेते पकड़ा है। दरअसल, कोरोनाकाल चलने के बाजवूद एसीबी को रिश्वतखोरी की बहुत की शिकायतें मिल रही हैं। रिश्वतखोर अफसर काम कराने की ऐवज में भ्रष्टाचार करने से बाज नहीं आ रहे हैं। पंचायत से लेकर कालेजों तक और थाने से लेकर कोर्ट तक भ्रष्टाचार चल रहा है। विभिन्न संस्थाओं में भ्रष्टाचार के कुछ मामले ही एसीबी तक पहुंच पाते हैं। एसीबी के पास पहुंचे भष्टाचार के मामलों की पिछले दो साल से तुलना करें तो अप्रैल 19 में 16, अप्रैल-20 में एक और पिछले माह 28 भ्रष्टाचारियों को एसीबी ने रंगेहाथ पकड़ सलाखों के पीछे पहुंचाया है।
बता दें कि जनवरी से अप्रैल माह तक 2019 में 79, 2020 में 50 और इस साल चार माह में 130 लोग रिश्वत लेते पकड़े गए हैं। इस माह सबसे बड़ी कार्रवाई कोविड के बड़े अस्पताल आरयूएचएस में हुई, जहां नर्सिंग कर्मी ही कोरोना मरीज को बैड दिलाने के नाम पर अवैध वसूली करता पकड़ा गया। एसीबी अधिकारियों ने कहा कि कई बार कार्रवाई लीक हो जाने के कारण भ्रष्टाचारी रंगेहाथ नहीं पकड़ाए जाते। उदयपुर के एक एसडीएम ने खान व्यवसायी से बंधी मांगी। उसने इसकी शिकायत एसीबी में की और एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई होती इससे पहले ही सूचना लीक हो गई और एसडीएम ने परिवादी से बात करना ही बंद कर दिया।
राजस्थान पुलिस ने कोरोनाकाल में 1 माह में रिश्वत लेते पकड़े 28 लोग
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