आखिरकार विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कनाडा से भारतीय छात्रों के निर्वासन के आरोपों का जवाब दिया। प्रवक्ता ने कहा कि हमने ऐसा नहीं देखा कि कई छात्र निर्वासन का सामना कर रहे हों। हो सकता है कि एक मामला कहीं तो दूसरा मामला कहीं और हो।9 मई को सरकारी भवनों के आसपास सैकड़ों भारतीय छात्र आव्रजन नीतियों में अचानक बदलाव के बाए एकत्र हुए। छात्र इन नीतियों से असंतुष्ट हैं। छात्रों ने आरोप लगाया कि इन संशोधन के कारण पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद वर्क परमिट देने से इंकार कर दिया गया है। इस कारण से उनके निवास की स्थिति खतरे में पड़ गई। छात्रों ने बड़े पैमाने पर इन नीतियों के खिलाफ में कनाडा के प्रिंस एडवर्ड आइलैंड में विरोध प्रदर्शन किया।
इसके बाद से विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बड़ी संख्या में छात्र पढ़ाई के लिए कनाडा गए हैं। लेकिन हमने बड़ी संख्या में निर्वासन का सामना करने वाले छात्रों को नहीं देखा। हो सकता है एक मामला यहां, एक मामला वहां हो सकता है। लेकिन कनाडा में छात्रों के साथ कोई बड़ी समस्या नजर नहीं आ रही।बता दें एक वीडियो में भारतीय छात्रों के बड़े समूहों को चार्लोटाउन की सड़कों पर मार्च करते हुए देखा है। छात्रों ने विरोध के साथ धमकी भी दी है कि अगर मई के मध्य तक उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वे भूख हड़ताल करेंगे, साथ ही विरोध प्रदर्शन भी अब बड़ी संख्या में करेंगे।