जयपुर। राजस्थान में बच्चा चोरी करने वाले एक मदारी गिरोह का जीआरपी पुलिस ने पर्दाफाश किया है। दरअसल, हरियाणा का यह गिरोह छोटे बच्चों को चुराता था और चोरी के बाद उन्हें मदारी के खेल में जमूरा बनाता था। जीआरपी ने इस पूरे गिरोह को हिरासत में ले लिया है।
जीआरपी ने बताया कि हरियाणा के भिवानी के गिरोह में एक पूरा परिवार शामिल है, जिसमें पति-पत्नी, भाई और बेटे शामिल हैं। आरोपियों ने कबूल कर लिया है कि वे लोग पलक झपकते ही रेलवे स्टेशन और सार्वजनिक जगहों से बच्चों की चोरी करते थे। उन्होंने बताया है कि बच्चों की करने के बाद उन्हें डेरों पर रखा जाता था और उन्हें ट्रेनिंग दी जाती थी।
बच्चों से क्रिमिनल कार्य करवाता था गिरोह
यह शातिर गिरोह मासूम बच्चों से भीख मंगवाने के साथ ही अन्य दूसरे क्रिमिनल कार्य करवाता था। जीआरपी के अनुसार, गिरोह ने कोटा रेलवे स्टेशन से 5 मई को चार साल के मासूम लविश को चुरा लिया था।
टिकट लेने गए थे पिता, पीछे से उठा लिया बच्चा
उन्होंने बताया कि बच्चे के पिता टिकट लेने काउंटर पर गए थे, तभी उन्होंने लविश को उठा लिया। इसके बाद पुलिस ने सीसीटीवी की छानबीन करने के बाद इस पूरी घटना की जानकारी जुटाई, जिसके बाद मामले का का पर्दाफाश हुआ।
उसके पिता टिकट लेने गए थे, तभी वे बच्चे का उठा गए थे। सीसीटीवी में कैद घटना की जांच में पुलिस जुटी तो मामले का पर्दाफाश हो गया। गिरोह से 14 साल का एक अन्य बच्चा भी बरामद हुआ है। उसे 10 साल पहले गंगापुर सिटी से चोरी किया गया था।
गिरोह से 14 साल का नाबालिग बरामद
इस खतरनाक गिरोह से 14 साल के एक अन्य नाबालिग को भी बरामद किया गया है। खुलासा हुआ है कि इस नाबालिग को दस साल पहले गंगापुर सिटी से चोरी किया गया था। बता दें कि जीआरपी की चोरी किए गए बच्चे का पता लगाने के लिए अजमेर, कोटा और जयपुर की 5 टीमों ने 300 किलोमीटर के दायरे में 500 से भी ज्यादा सीसीटीवी कैमरों को खंगाला।
सर्च ऑपरेशन चलाकर पूरे गिरोह को गिरफ्तार किया
रेलवे एडीजी अनिल पालीवाल ने बताया कि गिरोह का मास्टरमाइंड विद्याधर नगर के डेरे में रहता है। मदारी कोटा से बच्चों की चोरी करके गिरोह के सदस्य उसे चोरी की बाइक से भोपाल ले जाते थे और वहां दो दिन रखने के बाद ट्रेन से जयपुर वापस लाए थे, जिसे डेरे पर ही रखे हुए थे। सुराग मिलने के बाद पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चलाकर पूरे गिरोह को गिरफ्तार कर लिया।