इंदौर नगर निगम ने रिमूवल गैंग को आर्मी जैसी ड्रेस पहनाने का फैसला वापस ले लिया है। बुधवार को रिमूवल गैंग को ड्रेस पहनाने के बाद सभी जगह विरोध शुरू हो गया था। इसके बाद नगर निगम को यह फैसला वापस लेना पड़ा। 

ड्रेस में बदलाव किए जाएंगे

महापौर इंदौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा है कि नगर पालिक निगम इंदौर द्वारा एक रूपता, अनुशासन के लिए नगर निगम रिमूवल टीम को ड्रेस दी गई थी। इस विशेष प्रकार की वर्दी पहनने से यदि पूर्व सैनिकों की भावना आहत होती हैं तो वर्दी में जो भी आवश्यक चेंजेस की आवश्यकता होगी वो किए जाएंगे।

कांग्रेस ने दी थी चेतावनी

इंदौर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने कहा है कि कांग्रेस के द्वारा दी गई चेतावनी के परिणाम स्वरुप इंदौर नगर निगम बैक फुट पर आ गया। निगम आयुक्त के द्वारा आज मिलिट्री जैसी दिखने वाली ड्रेस वापस बुला ली गई है। चौकसे ने कहा कि कल ही हमने यह कह दिया था कि इस तरह की ड्रेस रिमूवल गैंग को पहनाना भारतीय सेना का अपमान है। इसके साथ ही हमने यह भी घोषणा कर दी थी कि यदि सा दिन में यह ड्रेस वापस नहीं ली जाएगी तो राजवाड़ा पर बड़ा प्रदर्शन कर जनता को साथ में लेकर आंदोलन शुरू किया जाएगा।

इसके साथ ही कांग्रेस द्वारा इस मामले में कानूनी कार्रवाई करने के लिए भी विधि विशेषज्ञों से सलाह ली जा रही थी। इसी बीच आज नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा के द्वारा रिमूवल गैंग से मिलिट्री जैसी दिखने वाली यह ड्रेस वापस बुला ली गई है। अब रिमूवल गैंग के कर्मचारियों से कहा गया है कि आपको दूसरी नई ड्रेस दी जाएगी।

आयुक्त के निजी खाते से हो ड्रेस के खर्च की वसूली

चौकसे ने कहा कि निगम की रिमूवल गैंग के कर्मचारियों को मिलिट्री जैसी ड्रेस पहनने का फैसला ही प्राथमिक रूप से गलत था। इस गलत फैसले को लेकर 600 जोड़ कपड़े बनवाए गए। इन कपड़ों को खरीदने पर जो पैसा लगा है उस पैसे को नगर निगम आयुक्त के निजी खाते से लिया जाना चाहिए। आयुक्त की इस गलती का खर्च नगर निगम के खजाने पर नहीं डाला जाना चाहिए।