नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग ने आंध्र प्रदेश में चुनाव बाद हिंसा का संज्ञान लेते हुए घटनाओं को रोकने में प्रशासन की विफलता पर ‘‘व्यक्तिगत रूप से स्पष्टीकरण देने’’ के लिए राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को बृहस्पतिवार को तलब किया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। आयोग ने राज्य सरकार को आदर्श आचार संहिता के अभी लागू होने की याद दिलाते हुए मुख्य सचिव और पुलिस प्रमुख से यह सुनिश्चित करने को कहा कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। अधिकारियों ने बताया कि आयोग ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है और लोकसभा चुनावों की घोषणा के बाद से मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार शांतिपूर्ण और हिंसा मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से चुनाव क्षेत्र की निगरानी कर रहे हैं।
व्यक्तिगत रूप से स्पष्टीकरण देंगे अधिकारी
सूत्रों ने कहा कि जब आंध्र प्रदेश के शीर्ष अधिकारी बृहस्पतिवार यहां चुनाव आयोग मुख्यालय में उपस्थित होंगे, तो उनसे चुनाव के बाद की हिंसा को रोकने में प्रशासन की विफलता के कारणों के बारे में ‘‘व्यक्तिगत रूप से स्पष्टीकरण देने’ के लिए कहा जाएगा।
आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में हिंसा की मिली सूचना
सूत्रों ने बताया कि उनसे भविष्य में ऐसी किसी भी घटना से बचने के लिए उठाए जाने वाले एहतियाती कदमों के बारे में भी पूछा जाएगा। आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में मंगलवार को चुनाव बाद हिंसा की सूचना मिली, जहां सोमवार को लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हुए थे। सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी और मुख्य विपक्षी तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के नेताओं ने घटनाओं के लिए एक-दूसरे पर आरोप लगाए हैं।