फतेहपुर। बिना किसी शोर-शराबे के हो रहे चुनाव में राजनीतिक दलों के लोग गोटें बिछाने में लगे हुए हैं। जीत के लिए प्रत्याशी अंतिम दांव जातीय समीकरणों पर लगा रहे हैं। इसके लिए क्षेत्रों के कुछ वोट के ठेकेदार भी सक्रिय हो गए हैं। कुछ लोग तो ऐसे हैं जिनकी आस्था किसी दल से नहीं टिकी है। यह चेहरे हर दल में हाथ-पैर मार रहे हैं। चुनाव प्रचार पर गांव से निकल रही टोलियों को मतदाताओं द्वारा कोई खास तव्वजों न मिलने से प्रत्याशी खासे परेशान हैं। संसदीय क्षेत्र के लिए मतदान 20 मई को होना है। नामांकन के बाद से भाजपा, सपा व बसपा में चुनाव प्रचार शुरू हो गया लेकिन इस बार प्रचार इतना शांतिपूर्ण माहौल में हो रहा है कि मतदाताओं का उल्लास सामने नहीं आ पा रहा है।
सत्ता विरोधी लहर व अपनों की नाराजगी के चलते भाजपा प्रत्याशी साध्वी निरंजन ज्योति अपने चुनावी माहौल को लहर का रूप नहीं दे पा रही हैं। सपा प्रत्याशी नरेश उत्तम पटेल ने जिस समय नामांकन कराया उस समय सपा के प्रदेश अध्यक्ष थे लेकिन बाद में हट गए जिससे चुनावी तेजी भी प्रभावित हुई। बसपा प्रत्याशी डॉ. मनीष सचान के सामने बाहरी होने का संकट है। टिकट के दावेदार चुनावी अभियान से अब तक नहीं जुड़ पाए। अंतिम पड़ाव में चुनाव को जातीय समीकरण की तरफ मोड़ने का प्रयास करने में सभी दल लगे हुए हैं। सपा प्रत्याशी पिछड़े मतों में सेंधमारी कर भाजपा की हैट ट्रिक रोकने की जहां कवायद कर रहें हैं वहीं बसपा मुस्लिम व कुर्मी मतों पर डोरे डालकर सपा को नुकसान पहुंचा रही है।