नई दिल्ली। बॉलीवुड में जब भी बेहतर या बेस्ट एक्टर की बात होती है, तो उसमें मनोज बाजपेयी का नाम जरूर शामिल होता है। टीवी सीरियल से फिल्मों तक, मनोज बाजपेयी ने लंबा और बहुत बेहतरीन सफर तय किया है। 'सत्या', 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' 'द फैमिली मैन' जैसी फिल्मों और सीरीज में अपनी एक्टिंग का पावर दिखाने वाले मनोज बाजपेयी अपनी 100वीं फिल्म 'भैया जी' को लेकर चर्चा में हैं।
मनोज बाजपेयी नॉन फिल्मी बैकग्राउंड से आते हैं। ऐसे में फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री लेना और एंट्री लेने के बाितद टिके रहना उनके लिए किसी बहुत टफ था। हाल ही में सिद्धार्थ कनन को दिए इंटरव्यू में मनोज बाजपेयी ने अपने स्ट्रगल के दिनों को लेकर काफी कुछ बताया। इसी के साथ उन्होंने उस इमोशनल पल के बारे में भी बताया, जब वह मुंबई में थे और उनके पिता राधाकांत बाजपाई जिंदगी की आखिरी सांसे गिन रहे थे।
रिजेक्शन के बाद डिप्रेशन में आ गए थे मनोज बाजपेयी
मनोज बाजपेयी ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) से एक्टिंग कोर्स किया है। एक्टर ने बताया कि उन्हें एक्टिंग का ऐसा कीड़ा था कि 12वीं के बाद वह सीधे एनएसडी में ही एडमिशन लेने आ गए। वो तीन बार यहां से रिजेक्ट किए गए थे। चौथी बार में सिलेक्शन हुआ। लेकिन इस रिजेक्शन और सिलेक्शन के फेर में उन्होंने खुद को एक्टिंग में बहुत स्किल्ड बना लिया था।
सुसाइड करने का आया था ख्याल
मनोज बाजपेयी ने बताया कि जब उन्हें बार-बार रिजेक्शन ही मिल रहा था, तब वह डिप्रेशन में आ गए थे। घर परिवार से दूर रहने के बाद मुंबई में दोस्त ही उनका सहारा था। दोस्तों ने ही डिप्रेशन में उनका ख्याल रखा था। ये सब इतना ज्यादा था कि उन्हें सुसाइड करने का भी ख्याल आया। उनके पास पिता की तरफ से जो पैसे आते थे, वो भी खर्च हो जाते थे और उनके पास कुछ नहीं बचता था।
पिता से आखिरी दिनों में कही थी ये बात
सिद्धार्थ कनन को दिए इंटरव्यू में एक्टर ने बताया कि आखिरी समय में उनकी अपने पिता से क्या बात हुई थी। ये सारा वाक्या तब का है, जब वह 'किलर सूप' सीरीज की शूटिंग कर रहे थे।
मनोज ने कहा कि वह रिजेक्शन के कारण अपने गांव नहीं जा पा रहे थे कि क्या मुंह जाकर दिखाएंगे। तभी उनकी बहन का फोन आया और बताया गया कि पिता अपने जीवन के आखिरी पड़ाव पर हैं और डॉक्टर ने भी जवाब दे दिया है, लेकिन अभी भी मोह माया के जाल में इनकी आत्मा फंसी हुई है। सिर्फ आपके साथ ही ऐसा संबंध रहा है। आप कहेंगे, तो शरीर छोड़ देंगे।
पिता को कहा- शरीर छोड़ दीजिए
एक्टर ने कहा, ''मैं किलर सूप का शॉट देने के लिए जा रहा हूं। मेरा स्पॉट ब्वॉय भी वहां मौजूद है और मैं अपने पिता से फोन पर कह रहा हूं कि आप जाइये, बाबूजी हो गया, प्लीज आप जाइये...और वो पल मेरा दिल तोड़ने वाला था। ये सुनकर मेरा स्पॉट ब्वॉय रोने लगा था। असिस्टेंट डायरेक्टर्स बाहर खड़े हैं। उन्हें इस बारे में नहीं पता है और यहां मैं अपने पिता को शरीर छोड़ने के लिए कह रहा हूं। वो मेरे लिए बहुत कठिन था, लेकिन मैंने किया।सिर्फ मुझे देखने लिए उनकी आत्मा शरीर में रुकी हुई थी।'' अगले दिन उन्हें पिता के निधन की खबर मिली। ये सुनकर मनोज बाजपेयी बहुत रोए थे।
6 महीने में दुनिया छोड़ गई थीं मां
मनोज बाजपेयी ने ये भी बताया कि उनकी मां की डेथ पिता की डेथ के छह महीने के अंदर हुई थी। उन्हें कैंसर हो गया था। ठीक न हो पाने के कारण वह डॉक्टर से ये तक कहा करती थीं कि मुझे कुछ दो, जिससे कि मैं मर सकूं। हालांकि, ऐसा हुआ नहीं, लेकिन वह हमें छोड़ कर चली गईं।