मद्रास हाईकोर्ट ने आज राजस्व प्रशासन आयुक्त को निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि अगर किसी ने भौतिक तथ्यों को छिपाकर या गलत जानकारी देकर कानूनी उत्तराधिकार प्रमाण पत्र की मांग के लिए आवेदन किया है तो उस पर मुकदमा दर्ज करने के लिए पूरे तमिलनाडु के सक्षम राजस्व अधिकारियों को निर्देश जारी करें।
यह है पूरा मामला
न्यायमूर्ति एसएस सुब्रमण्यम ने यह निर्देश एम मारान्नान द्वाया दायर एक याचिका का निपटारा करते हुए दिया। दरअसल, मारान्नान ने कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया था, जिसे मेट्टुपालयम, कोयंबटूर के तहसीलदार ने खारिज कर दिया था। इसी आदेश को चुनौती देने के लिए मारान्नान ने हाईकोर्ट का रुख किया। उन्होंने हाईकोर्ट से तहसीलदार के आदेश को रद्द करने की मांग की थी। बता दें, मारान्नान ने आवेदन दायर करते हुए कहा था कि दिवंगत माराना गौडर का एकमात्र कानूनी अधिकारी वही है। राजस्व अधिकारी ने जब जांच की तो पता चला कि मृतक के चार कानूनी उत्तराधिकारी हैं, जिसमें उनके दो बेटे और दो बेटियां शामिल हैं। मृतक के चारों उत्तराधिकारी जीवित हैं। तथ्य छिपाते हुए खुद को मृतक का उत्तराधिकारी बताने के कारण राजस्व अधिकारी ने मारान्नान के आवेदन को खारिज कर दिया। इसी आदेश के खिलाफ मारान्नान ने उच्च न्यायालय का रुख किया।