भोपाल । मप्र में लोकसभा चुनाव के दौरान पिछले 57 दिन में 24 क्विंटल से ज्यादा सोना-चांदी जब्त किया गया है। जब्त किए गए सोने-चांदी की कीमत 15.35 करोड़ रुपए है। मप्र के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की ओर से जारी की गई जानकारी के मुताबिक मप्र में लोकसभा चुनाव के दौरान करीब 299.03 करोड़ कीमत की अवैध शराब, सोना-चांदी, मादक पदार्थ और अन्य सामग्री जब्त की गई है।
मप्र में चारों चरणों के प्रचार के दौरान पुलिस, प्रशासन, एफएसटी द्वारा चेकिंग के दौरान कुल 299.03 करोड रुपए की सामग्री जब्त की गई है। इसमें 24.09 करोड़ रुपए की अवैध नगदी पकड़ी गई है। 47.43 करोड की 32.45 लाख लीटर अवैध शराब जब्त की गई है। 15.35 करोड रूपए का 2492.34 किलोग्राम अवैध सोना चांदी और कीमत 36.65 करोड रुपए कीमत के 30227.09 किलोग्राम अवैध मादक पदार्थ और 175.51 करोड रुपए की अन्य सामग्री पकड़ी गई है।
बीते 24 घंटे में 1.17 करोड़ की सामग्री जब्त
मप्र में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में जिन 8 लोकसभा सीटों पर आज मतदान हो रहा है। उन क्षेत्रों में बीते 24 घंटे में 1.17 करोड़ रुपए की सामग्री जब्त की गई है। इस जब्ती में 5.9 लाख रुपए अवैध नगदी पकड़ी गई है। 40.62 लाख रुपए कीमत की 33981 लीटर अवैध शराब और 70.70 लाख रुपए की अन्य सामग्री पकड़ी गई है।

भोपाल में 52 दिन में 1.25 करोड़ की शराब जब्त


भोपाल में पिछले 52 दिनों में कुल 2.24 करोड़ रुपए की अवैध शराब और नकद राशि जब्त की गई। लोकसभा चुनाव के चलते यह कार्रवाई हुई। इनमें सवा करोड़ रुपए की अवैध शराब भी शामिल हैं। हालांकि, वोटिंग होते ही कार्रवाई भी थम गई। 6 दिन में अवैध शराब का एक भी केस नहीं बना है। चुनाव की आचार संहिता लगते ही 16 मार्च से कार्रवाई शुरू हुई थी, जो 7 मई तक जारी रही। इस दौरान पहली बार जिला प्रशासन ने 2.24 करोड़ रुपए से ज्यादा की अवैध शराब और नकदी जब्त की है। वहीं, 9.11 लाख रुपए के नशीले पदार्थ और 9.59 लाख रुपए की बहुमूल्य वस्तुएं भी शामिल हैं। मुफ्त उपहार के 4 प्रकरण भी बनाए गए। जिनकी कीमत 65 हजार रुपए है।

कार्रवाई में सबसे आगे रहा आबकारी विभाग


कार्रवाई में आबकारी विभाग सबसे आगे रहा। अकेले इस विभाग ने ही कुल 80 लाख रुपए से ज्यादा की शराब जब्त की है। बाकी शराब पुलिस और एफएसटी-एसएसटी टीमों ने जब्त की। पूरे चुनाव में 50 हजार रुपए या उससे अधिक नकदी लेकर चलने वालों पर टीमों की नजर रही। इसके चलते ही अब तक 80 लाख रुपए जब्त किए गए। हालांकि, जिन्होंने वाजिब सबूत दिए, उन्हें राशि लौटा भी दी गई। पैसा कहां से आया और कहां ले जाया जा रहा था। उस पैसे का सोर्स सबूतों के साथ बताना जरूरी रहा।