लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव में इंदौर वासियों ने उत्साह दिखाया। इंदौर में 60.75 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया। यह पिछले चुनाव की तुलना में भले ही कम है, लेकिन वर्ष 2016 के लोकसभा चुनाव से अधिक है। तब इंदौर में 56 प्रतिशत मतदान हुआ था। मतदान दिवस पर इंदौर में मौसम ने भी करवट ली। दोपहर में तेज गर्मी के कारण बूथ सूने रहे। शाम को जब लोग वोट देने के लिए निकले तो बारिश ने उसका रास्ता रोका। इसके बावजूद इंदौर में सम्मानजनक वोटिंग हुई है। कांग्रेस का उम्मीदवार नहीं होने के कारण इंदौर में वोटिंग कम होने की आशंका जताई जा रही थी।
तीन नंबर विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम वोटिंग
अंतिम चरण के चुनाव में मालवा निमाड़ की आठ सीटों पर वोटिंग हुई। इंदौर के तीन नंबर विधानसभा क्षेत्र में पूरे इंदौर-उज्जैन संभाग में सबसे कम 56.54 प्रतिशत वोटिंग हुई। इस विधानसभा क्षेत्र इंदौर का व्यापारिक क्षेत्र माना जाता है। यहां 30 हजार से ज्यादा अल्पसंख्यक वोटर भी है। इस क्षेत्र के दौलतगंज, रानीपुरा, तोड़ा, कबूतरखाना क्षेत्र के बूथों पर काफी कम मतदान हुआ। ज्यादातर बूथों पर कतारें नजर नहीं आए। बूथों के बाहर लगी टेबलों पर भी भाजपा कार्यकर्ता सक्रिय नजर नहीं आए।
इंदौर में शाम पांज बजे तक हो चुका था 56.53 प्रतिशत मतदान
विधानसभा क्षेत्र मतदान प्रतिशत में
इंदौर एक- 55.75 प्रतिशत
इंदौर-दो- 54.18 प्रतिशत
इंदौर तीन- 52.18 प्रतिशत
इंदौर चार -57.18 प्रतिशत
इंदौर पांच- 52.17 प्रतिशत
राऊ- 57.44 प्रतिशत
सांवेर-62.05 प्रतिशत
देपालपुर- 62.33 प्रतिशत
मतदान के दिन खुला दफ्तर, प्रशासन ने किया सील
इंदौर में मतदान के दिन प्रशासन ने अवकाश घोषित किया था, लेकिन कुछ दफ्तर खुले हुए थे और वहां कर्मचारियों को बुलाया गया था। इंदौर के एनेक्सी डिजिटल के दफ्तर को प्रशासन ने सील कर दिया। वहां कर्मचारियों को अवकाश नहीं दिया गया था। इसके अलावा एक कैफे को भी सील किया गया। यहां भी कर्मचारियों को बुलाया गया था।
नहीं मिले मतदाता सूची में नाम
कई बूथों पर लोगों को मतदान किए बगैर लौटना पड़ा,क्योकि मतदाता सूची में उनका नाम नहीं था। कुछ लोगों के मतदान केंद्र बदल गए थे, उन्हें भी परेशानी हुई। इंदौर लोकसभा क्षेत्र में 30 से ज्यादा स्थानों पर मशीनें खराब होने की शिकायतें भी अाती रही। वहां तकनीकी टीम ने जाकर यूनिट को ठीक किया।