झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को कोर्ट से झटका लगा है. पीएमएलए कोर्ट (PMLA Court) ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है. पीएमएलए कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. पूर्व सीएम ने 15 अप्रैल को पीएमएलए कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी. हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में 31 जनवरी को ईडी ने गिरफ्तार किया था. वह 1 फरवरी से रांची के बिरसा मुंडा कारागार में हैं.
मेरे पास नहीं कोई बेनामी संपत्ति - हेमंत सोरेन
हेमंत सोरेन ने कोर्ट को जानकारी दी है कि जिन संपत्ति को बेनामी संपत्ति बताया जा रहा है, वास्तव में वह असली मालिक के कब्जे में है और राज्य सरकार के पास जब यह मामला आया तभी यह सुनिश्चित किया गया था कि यह इसके असली मालिक के पास हो. सोरेन का आरोप है कि उनके खिलाफ राजनीतिक विद्वेष के कारण कार्रवाई की गई है. हालांकि इन दलीलों के बावजूद उन्हें जमानत नहीं मिल पाई.
ईडी का दावा, हमारे पास हैं पर्याप्त सबूत
हालांकि ईडी ने हेमंत सोरेन की दलील को ठुकराते हुए कहा कि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं. ईडी ने कहा कि हेमंत सोरेन को जमानत देना न्याय के हक में नहीं होगा क्योंकि वह प्रभावशाली व्यक्ति हैं और उन्होंने जांच में कभी सहयोग नहीं किया है. ईडी ने कोर्ट को यह भी बताया कि उनके पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं जिससे पता चलता है कि बरियातू डीएवी स्कूल के पीछ 8.66 एकड़ का ट्राइबल लैंड हेमंत सोरेन की बेनामी संपत्ति है जो उन्होंने अपने आर्किटेक्ट दोस्त विनोद है, और सर्कल सब-इंस्पेक्टर भानू प्रताप प्रसाद के साथ अवैध व्यवसाय के जरिए कमाए पैसे से खरीदा है.