पटना में प्रधानमंत्री नरेंद्रे मोदी के रोड शो में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. सभी लोग अपने प्रिय नेता की एक झलक पाने के लिए बेताब दिखे. वहीं कई ऐसी तस्वीरें भी आईं जिसपर तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं. इनमें एक तस्वीर थी पीएम मोदी के साथ रोड शो में शामिल सीएम नीतीश कुमार की, जिन्होंने अपने हाथों में बीजेपी का चुनाव चिह्न कमल थाम रखा था.
रोड शो में शामिल नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायीं तरफ थे और हाथों में बीजेपी के चुनाव चिह्न कमल की तख्ती पकड़े हुए थे. लेकिन इस दौरान सीएम कंफर्टेबल नहीं दिखाई दे रहे थे, वो कभी उस तख्ती को देख रहे थे तो कभी लोगों की तरफ देखते थे. अब इस तस्वीर को लेकर आरजेडी के एक समर्थक ने सोशल मीडिया अकाउंट X पर लिखा है कि "नीतीश कुमार बेमन तरीके से कमल छाप का झुनझुना पकड़े हुए हैं. इशारा साफ़ है भाजपा को हराईये..!!
नरेंद्र मोदी से नीतीश के रिश्ते पहले काफी खराब रहे. एक दूसरे से नफरत का आलम यह कि मोदी के साथ नीतीश कुमार मंच साझा करने से भी बचते रहे हैं. नीतीश के गुस्से का आलम यह था कि भाजपा के साथ अपने मधुर रिश्तों की परवाह किए बगैर उन्होंने भोज का न्यौता देकर ऐन वक्त कैंसल कर दिया था. 2010 में हर बार की तरह बिहार में बाढ़ की स्थिति में सभी राज्य अपनी तरफ से मदद की पेशकश कर रहे थे, इसी तर्ज पर गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी ने भी बिहार के बाढ़ राहत कोष में कुछ राशि देने का एलान किया. लेकिन नरेंद्र मोदी के भेजे पैसे लेने से भी नीतीश ने इनकार कर दिया था.
भाजपा ने जब नरेंद्र मोदी को पीएम फेस बनाने की घोषणा की, तब भी नीतीश गुस्से में थे इसके बाद उन्होंने भाजपा से नाता ही तोड़ लिया था. हालांकि 2014 में अकेले चुनाव लड़ कर उन्हें अपनी ताकत का एहसास हो गया. जेडीयू को लोकसभा चुनाव में दो सीटों पर जीत मिली, जबकि भाजपा ने 22 सीटें जीत कर नरेंद्र मोदी की ताकत का एहसास करा दिया था. यही वजह रही कि बाद में नीतीश कुमार ने 2015 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी से हाथ मिला लिया और पहली बार बिना भाजपा की मदद से नीतीश बिहार के सीएम बने, लेकिन, ये दोस्ती अधिक दिनों तक नहीं चली. नीतीश ने 2017 में आरजेडी को झटका देकर भाजपा का हाथ पकड़ लिया. बीच में कई ऐसे मौके आए, जब नरेंद्र मोदी के साथ नीतीश मंच पर बैठने से कतराते रहे.
लेकिन अब वक्त भी बदल चुका है और जज्बात भी, कहा जाता है कि कभी सीएम नीतीश पर पीएम मोदी का पैर छूने लगते हैं तो कभी कहते अब कहीं नहीं जाएंगे, आप के साथ ही रहेंगे. राजनीति में वक्त का ही महत्व होता है और नीतीश कुमार भी समझते हैं कि अब राजनीति में वो अपने अंतिम दौर में हैं इसलिए पटना रोड शो में नीतीश कुमार ने अपने हाथ में भाजपा का सिंबल- कमल थाम रखा था. हालांकि उनके चेहरे के हाव-भाव बता रहे थे कि ऐसा वे किसी उत्साह में नहीं कर रहे, बल्कि उनके सामने कोई बड़ी सियासी मजबूरी है.
नीतीश के पटना रोड शो की तस्वीरों पर अब जहां विपक्षियों पार्टियां चुटकी ले रही हैं, वहीं राजनीतिक पंडितों का मानना है कि नीतीश कुमार के मन में बहुत कुछ है, लेकिन समय का अंदाजा है कि कब उन्हें किस तरह का रुख अख्तियार करना है.