मुंबई। वित्त वर्ष 23 में विनिर्माण, निर्माण और खनन क्षेत्रों में निवेश घटा है। सकल पूंजी निर्माण (जीसीएफ) में दिखाए जाने वाले निवेश में गिरावट का कारण निर्यात में प्राथमिक तौर पर गिरावट और कम निजी खपत है। यह जानकारी सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी, 2024 के उद्योग-वार विश्लेषण में दी।
इस समय वित्त वर्ष 2023 में सकल जीसीएफ स्थिर मूल्य पर 6.9 प्रतिशत बढ़कर 55.3 लाख करोड़ रुपए हो गया है। जीसीएफ अर्थव्यवस्था में निवेश का व्यापक माप है और यह अचल संपत्तियां, इंवेंटरी और कीमती सामानों समेत भौतिक परिसंपत्तियों के मूल्य का प्रतिनिधित्व करता है। दूसरी तरफ सकल तय पूंजी निर्माण (जीएफसीएफ) अर्थव्यवस्था में निवेश का संकुचित रूप से प्रतिनिधित्व करता है। इसका कारण यह है कि इसमें मूल्यवान इंवेंटरी या अधिग्रहण को शामिल नहीं किया जाता। जीएफसी विनिर्माण 5.4 प्रतिशत संकुचित होकर 9.4 लाख करोड़ रुपए हो गया।
अर्थशास्त्रियों के अनुसार कम विनिर्माण वृद्धि का कारण क्षमता का कम उपयोग और कंपनियों के निवेश में कम पहल करना है। इसके अलावा निर्माण क्षेत्र पर सरकार के अधिक पूंजीगत व्यय किए जाने के कारण इस क्षेत्र में पूंजी निर्माण में गिरावट आई है। इस क्षेत्र में पूंजी निर्माण वित्त वर्ष 2023 में 2.9 प्रतिशत घटकर 4.02 लाख करोड़ रुपए हो गया जबकि यह 2022 में 4.14 लाख करोड़ था। इसमें गिरावट का प्रमुख कारण सस्ते आवास क्षेत्र में गिरावट आना है।
2023 में विनिर्माण, निर्माण और खनन क्षेत्रों में निवेश को हुआ घटा
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