भोपाल । लोकसभा चुनाव में जहां भाजपा मोदी गारंटी तो वहीं कांग्रेस न्याय पत्र के साथ मतदाता पर्ची भेज रही है और पार्टी प्रत्याशियों को वोट देने की अपील कर रही हैं। पहले दो चरणों में हुए कम मतदान के बाद चुनाव आयोग के साथ-साथ भाजपा और कांग्रेस ने मतदान केंद्रों पर कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर दिया है। मध्य प्रदेश के चुनाव में भाजपा और कांग्रेस की बीच सीधा मुकाबला है। भाजपा जहां मोदी के सशक्त नेतृत्व, केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को सामने रखकर चुनाव लड़ रही है तो यह भी बता रही है कि कांग्रेस का सोच वर्गों को बांटने वाली है। अनुसूचित जाति-जनजाति और ओबीसी वर्ग का आरक्षण कम कर दिया जाएगा। उधर, कांग्रेस न्याय गारंटी की बात कर रही है। यह बताया जा रहा है कि केंद्र में सरकार बनने पर गरीब परिवार की एक महिला को प्रतिवर्ष एक लाख रुपये दिए जाएंगे। सरकारी नौकरियों में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। केंद्र सरकार में रिक्त 30 लाख पदों पर भर्ती की जाएगी और युवाओं को एक लाख रुपये की अप्रेंटिसशिप का अधिकार, न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानूनी प्रविधान, कर्ज माफी के लिए स्थायी आयोग, श्रमिकों को न्यूनतम 400 रुपये मजदूरी, शहरी रोजगार गारंटी योजना, सामाजिक एवं आर्थिक समानता के लिए जाति आधारित गणना, आरक्षण की अधिकतम सीमा 50 प्रतिशत से हटाना जैसे कदम उठाए जाएंगे। दरअसल, पहले दो चरण के चुनाव में जिस तरह मतदान प्रतिशत घटा, उसे लेकर दोनों दल चिंतित हैं और इस प्रयास में जुटे हैं कि तीसरे और चौथे में इसकी भरपाई हो जाए। उधर, चुनाव आयोग भी मतदान बढ़ाने को लेकर मतदान केंद्र स्तर पर गतिविधियां कर रहा है। सात मई को होने वाले चुनाव के लिए 20 हजार 456 मतदान केंद्रों पर एक मई को चलें बूथ की ओर अभियान संचालित कर मतदाताओं से संपर्क कर उन्हें मतदान के लिए प्रेरित किया गया। साथ ही मतदाता पर्ची भी घर-घर वितरित कराई जा रही है।
भाजपा मोदी की गारंटी और कांग्रेस न्याय पत्र भेज मांग रही वोट
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