दमोह । दमोह जिले के हटा ब्लॉक के हिनोता गांव में एक झोलाछाप खुद को एमबीबीएस डॉक्टर बताकर मरीजों का इलाज कर रहा था। जिला प्रशासन की टीम जांच करने पहुंची तो वह भी यह देख हैरान रह गई। जिसके बाद अस्पताल को सील कर दिया गया। बता दें कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने पूरे जिले में झोलाछाप डॉक्टर पर कार्रवाई करने के लिए सभी ब्लाक में टीम गठित की है। टीम के अधिकारी जब करवाई के लिए जा रही है तो फर्जीवाड़ा देखकर वे भी हैरान हैं। पथरिया में तो 50 बिस्तर का अवैध नर्सिंग होम ही पकड़ा गया था और अब एक फर्जी एमबीबीएस डॉक्टर मिला है।
दमोह हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायत के बाद हटा एसडीएम राकेश सिंह मरकाम, तहसीलदार प्रवीण त्रिपाठी एवं बीएमओ डा यूएस पटेल की टीम ने हिनौता के संतोष साहू की निजी अस्पताल का निरीक्षण किया और पाया कि संतोष साहू बिना किसी डिग्री के खुद को एमबीबीएस डॉक्टर बताकर मरीजों का एलोपैथिक इलाज कर रहा है, जिसके बाद अधिकारियों द्वारा यह कार्रावाई की गई है।हिनौता में छापा मारकर अस्पताल से बड़ी मात्रा में एलोपैथिक दवाएं जब्त कर पंचनामा बनाया। एसडीएम मरकाम ने बताया कि संतोष साहू के पास कोई डिग्री नहीं मिली। इलाज करने के लिए एक भी वैध दस्तावेज नहीं मिला, जबकि एलोपैथी की दवाएं बड़ी संख्या में मिली हैं।
पहले भी हुई है कार्रवाई
इससे पहले दिसंबर 22 में भी संतोष साहू की अस्पताल पर छापा मारकर दवाएं जब्त की गई थीं। पुलिस ने विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया था। लेकिन, उस समय आरोपी संतोष साहू फरार हो गया था। बाद में पुलिस ने गिरफ्तार कर नोटिस पर छोड़ दिया था और चालान हटा न्यायालय में पेश कर दिया था। मामला अभी कोर्ट में चल रहा है। प्रकरण चलने के बावजूद संतोष साहू फिर से अवैध अस्पताल चलाते हुए दोबारा पकड़ा गया है।