जयपुर । जयपुर में 13 मई 2008 में हुए सिलसिलेबार बम धमाको को आज 13 साल पूरे हो चुके है जिसके घांव आज के दिन फिर एक बार ताजा हो गए है। चंद मिनटों के अंतराल में शहर के कई स्थानों पर हुए बम धमाकों से मारें गए कुछ लोग और घायल हुए लोगों में आज फिर 13 साल पुरानी घटना का खौफ बरकरार है।
13 मई 2008 को हुई इस घटना के मामले में विशेष न्यायालय ने भले ही चार गुनहगारों को मृत्यु दंड की सजा सुना दी हो, लेकिन अभियुक्तों को फांसी नहीं मिलने के चलते शहरवासियों को सही मायने में अब तक न्याय नहीं मिल पाया है। मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों शाहबाज हुसैन, मोहम्मद सैफ, सरवर आजमी, सैफुर्रहमान और सलमान को गिरफ्तार किया था, जबकि कुछ अन्य आरोपियों को अब तक गिरफ्त में नहीं ले पाई है इस मामले में पुलिस ने आठ मुकदमे दर्ज किए थे और इन सभी में आरोपियों पर चार्ज तय होने के बाद ट्रायल हुआ मामले में एक हजार से ज्यादा गवाहों के बयान दर्ज होने के बाद विशेष अदालत ने 18 दिसंबर 2019 को शाहबाज हुसैन को बरी करते हुए अन्य चारों अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाई थी शाहबाज हुसैन पर आरोप लगाया गया था कि उसने घटना की जिम्मेदारी लेते हुए ईमेल भेजा था। कोरोना संक्रमण के कारण हालांकि मंदिरो दर्शनाथ भीड़ नहीं उमड़ रही है पर जिन लोगों को 13 मई को इस घटना से दो चार होना पड़ा था उन्हें आज भी घटना की दर्दभरी याद सुनाई देती है।