मुरैना में सुबह चाय पर चर्चा हुई और दोपहर में युवाओं से उनके मन की बात जानी गई। वहीं, शाम को बीजेपी-कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी सहित अन्य दलों के नेताओं से राजनीतिक चर्चा की गई। इस दौरान नेताओं में तीखी बहस देखने को मिली।
बता दें कि मुरैना लोकसभा सीट पर पिछले 28 साल से बीजेपी का कब्जा है। मुरैना में बीजेपी को आठ बार जीत मिली है, जबकि कांग्रेस के उम्मीदवारों को छह बार जीत हासिल हुई है। इस सीट पर सात मई को वोट डाले जाएंगे। जबकि चार जून को नतीजे आएंगे। इस सीट पर ब्राह्मण और राजपूत वोटर्स का दबदबा है।
बीजेपी ने इस बार मौजूदा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की जगह शिवमंगल सिंह तोमर को मैदान में उतारा है। तोमर को विधानसभा का अध्यक्ष बना दिया गया है। जबकि कांग्रेस ने सत्यपाल सिंह सिकरवार को मैदान में उतारा है। वहीं, बीएसपी ने रमेश चंद गर्ग को मैदान में उतारा है।
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के जिलाध्यक्ष महेंद्र सिंह सिकरवार ने कहा, इस समय राममय माहौल है। कांग्रेस के सरकार में यहां विकास अधूरा रहता था, लेकिन इस सरकार में विकास हुआ है।
ये एरिया चंबल से लगा हुआ है। यहां डकैतों का हमेशा डर रहता था, लेकिन बीजेपी सरकार में ये सब खत्म हुआ है। मुरैना में हिंदुस्तान का बाहुबली दंगल है।
एक नेता ने कहा, नहर का रास्ता नरक था, कांग्रेस के समय यहां कोई विकास नहीं हुआ। लेकिन बीजेपी सरकार में खूब विकास हुआ है। बहुजन समाज पार्टी हमारे मुकाबले में कहीं नहीं है। मैं यहां से कई बार चुनाव जीता हूं।
बीएसपी महिला नेत्री मुस्कान ने कहा, आज मुरैना में हमारी बेटियां सुरक्षित नहीं है। आए दिन क्राइम की घटनाएं हो रही हैं। घर से बेटियां कहीं जा नहीं सकती। सड़कें बनना और गलियां बनना ये विकास नहीं है। जब तक बेटियां सुरक्षित नहीं होंगी, तब तक विकास नहीं माना जाएगा। लाड़ली बहना योजना का कोई अर्थ नहीं है, सरकार को कोई ऐसी योजना लानी चाहिए, जिसमें बेटियां सुरक्षित हों। बीएसपी नेता ने कहा, एक बार बदलाव होना जरूरी है। सभी पार्टियां कार्य करती हैं। लेकिन यदि बीएसपी प्रत्याशी जीतकर आएगा तो जरूर विकास कार्य करेगा।