गाजियाबाद,। मिर्जापुर के ग्राम पंचायत सचिव की मौत के बाद उनका फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र की जांच शुरू हो गयी है। सचिव की एयरहोस्टेस बेटी ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत कर पिता की मिर्जापुर से जारी वास्तविक मृत्यु प्रमाण पत्र व पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अस्पताल से जारी फर्जी प्रमाण पत्र की प्रति लगाई है।
अस्पताल के सीएमएस डॉ विनोद चंद्र पांडेय का कहना है कि इस तरह का कोई मामला हमारी जानकारी में नहीं है। अस्पताल के रजिस्टर से प्रमाण पत्र का मिलान करके देखा जाएगा। अगर इस तरह का कोई मामला सामने आता है तो कार्रवाई की जाएगी। मूलरूप से उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर निवासी शेष नारायण सिंह की बेटी हनी नारायण ने बताया कि उनके पिता मिर्जापुर जिले में जगदीशपुर ग्राम पंचायत में सचिव के पद पर तैनात थे। शेष नारायण सिंह का 6 जून 2022 को हृदयाघात से निधन हो गया था। मिर्जापुर में ही उसी दिन उनका पोस्टमॉर्टम हुआ। 8 जुलाई 2022 को जगदीशपुर ग्राम पंचायत से शेष नारायण का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया। हनी नारायण ने बताया कि पिता की मृत्यु के लगभग 4 महीने बाद मां शीला नारायण ने पेंशन के लिए आवेदन किया था। जवाब में बताया गया कि पेंशन के लिए पूर्व में ही आवेदन आ चुका है। जब उन्होंने इसकी जांच की तो पता चला कि उनके पिता का एक और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी हुआ है जो गाजियाबाद के संजय नगर स्थित संयुक्त अस्पताल से 11 जुलाई 2022 को जारी हुआ है। मिर्जापुर के जगदीशपुर से जारी मृत्यु प्रमाण पत्र में पत्नी के रूप में उनकी मां शीला नारायण का नाम लिखा है जबकि गाजियाबाद से जारी मृत्यु प्रमाण पत्र में पत्नी का नाम श्वेता सिंह लिखा है। हनी ने कहा कि गाजियाबाद से उनके पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र फर्जी रूप से जारी करवाया गया है। इस मामले में उन्होंने पुलिस प्रशासन और मुख्यमंत्री से शिकायत की है। हालांकि सीएमओ डॉ भवतोष शंखधार का कहना है कि उनके संज्ञान में ऐसा कोई मामला नहीं है। अगर इस तरह का कोई मामला सामने आता है तो संयुक्त अस्पताल प्रशासन से मामले की जांच करवाई जाएगी। एक ही व्यक्ति के 2 मृत्यु प्रमाण पत्र जारी नहीं हो सकते हैं।
गाजियाबाद के संयुक्त अस्पताल से जारी फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र की जांच शुरू
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