सुप्रीम कोर्ट अवमानना कार्यवाही के खिलाफ मध्य प्रदेश बार काउंसिल के सदस्यों की याचिका पर विचार करने को तैयार हो गया है। पीठ ने शुक्रवार को कहा कि वह कथित रूप से हड़ताल का आह्वान करने के लिए मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के समक्ष राज्य बार काउंसिल के अध्यक्ष और अन्य के खिलाफ चल रही अवमानना कार्यवाही को चुनौती देने वाली याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करेगी।प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने मध्य प्रदेश राज्य बार काउंसिल के अध्यक्ष और बार के अन्य सदस्यों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा के इस कथन का संज्ञान लिया कि बार के कई सदस्य अवमानना कार्यवाही का सामना कर रहे हैं और मामले पर शीघ्र सुनवाई की आवश्यकता है।उन्होंने कहा कि न केवल स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष, बल्कि 103 बार एसोसिएशन भी अवमानना कार्यवाही का सामना कर रहे हैं। मामले में जल्द सुनवाई होनी चाहिए। इस पर सीजेआई ने कहा, 'मैं मामले को देखूंगा।'मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य में वकीलों की जारी हड़ताल पर राज्य बार काउंसिल के अध्यक्ष और उसके निर्वाचित सदस्यों के खिलाफ अवमानना का मामला शुरू किया था। अदालत का कहना था कि राज्य बार काउंसिल ने मुद्दे को सुलझाने की बजाय हड़ताल करने का रास्ता चुना। मध्य प्रदेश राज्य बार काउंसिल के अध्यक्ष ने पिछले साल दो नवंबर के उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश के खिलाफ अपील दायर की है।
सुप्रीम कोर्ट मध्य प्रदेश बार काउंसिल के अध्यक्ष की याचिका पर करेगा विचार
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