नागपुर : संघ प्रमुख मोहन भागवत ने विजयादशमी के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्‍वयंसेवकों को शुक्रवार को संबोधित करते हुए कहा कि हम एक भारत का सपना देख रहे हैं। उन्‍होंने देशवासियों को विजयादशमी के पर्व की शुभकामना दी।

भागवत ने कहा कि भारत ने दुनिया को मानवता का उदाहरण पेश किया है और कट्टरता हमारे व्यवहार में कभी नहीं रही है। पूरी दुनिया भाषा, पंथ और निवास के आधार पर बंटी हुई है। इस वजह से लोग खुद को औरों से अलग मानते हैं। आज कट्टरवाद का एक बड़ा तबका खड़ा हो गया है। हमें कट्टरवाद के खिलाफ एकजुट होना होगा।

उन्‍होंने कहा कि भारत विश्व का प्राचीन देश है, इसलिए हम विश्व के लिए बड़े भाई जैसे हैं। नागपुर में स्‍वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि इस बार का विजयादशमी उत्‍सव खास है। इस समय देश में आत्‍मविश्‍वास जगा है। देश में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। हम एक भारत का सपना देख रहे हैं। समाज ने जो चाहा वो करके दिखाया।   

भागवत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा की तारीफ करते हुए कहा कि इस यात्रा से लोग खासे उत्‍साहित हैं। भागवत ने कहा कि इस शासन (मोदी सरकार) के नेतृत्‍व में हम बहुत आगे बढ़ेंगे। सरकार को काम के लिए समय देना होगा। अभी इस सरकार को बने 6 महीने भी नहीं हुए हैं।  

हमारा देश मंगल तक पहुंचने में कामयाब रहा। मंगल मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों का हम अभिनंदन करते हैं। दुनिया में हिंदुत्‍व का गौरव बढ़ा है। एशियाड में पदक जीते खिलाडि़यों का हम अभिनंदन करते हैं। वैज्ञानिकों और खिलाडि़यों ने देश का गौरव बढ़ाया है।

उन्‍होंने कहा कि अपने विचारों को दूसरे पर थोपना गलत है। सबका सम्‍मान करो, सबको स्‍वीकार करना चाहिए। सबको सुखी रखने की कोशिश होनी चाहिए। हमने किसी को नहीं बदला है। हमने किसी की संस्‍कृति को नहीं बदला है। तो फिर लोगों की कथनी और करनी में फर्क क्‍यों है। हम दुनिया के बड़े भाई सरीखे हैं। भारत के पास सबको जोड़ने का मंत्र है। समाज ने परिवर्तन सोच समझकर लाया है। हमारे सपनों के भारत के पास अच्‍छाई के सारे गुण हैं।उन्‍होंने कहा कि भारत को सामर्थ्‍य संपन्‍न होना चाहिए। अब संपन्‍न और निर्भय भारत का निर्माण करना है। एकता और अखंडता में भारत को भरोसा है। भारतीय किसी को पराया नहीं मानते हैं।