धनबाद। गृह रक्षा वाहिनी धनबाद में अब एक नया पेंच फंस गया है। वर्ष 2015 में हुए हंगामा, धमकी, दुर्व्यवहार के मामले में गवाहों ने यह कहा है कि उन्हें नहीं पता प्राथमिकी कैसे हुई। वहीं इधर गृहरक्षा वाहिनी मुख्यालय से सभी गवाह गृहरक्षकों को स्पष्टीकरण जारी किया गया है।
यह है मामला
आठ मई 2015 को चार गृहरक्षक रविंद्रनाथ मुखर्जी, गाेरख राम, शिवशक्ति कुमार और अखिलेश कुमार सिन्हा पर एक प्राथमिकी धनबाद थाना में कराई गई थी। वादी के रूप में होमगार्ड रामपुकार राय ने थाना को आवेदन दिया था।
इस मामले में होमगार्ड जवान चंद्रिका प्रसाद यादव, महेंद्र प्रसाद राउत, सुधीर प्रसाद सिंह, बबलू प्रसाद, लाल किशोर शर्मा, शिवधर प्रसाद शर्मा और लिपिक प्रभाष कुमार गवाह बने थे। इस घटना के बाद चारों आरोपित गृहरक्षकों को विभागीय कार्रवाई के तहत बर्खास्त कर दिया गया था।
कोर्ट ने आरोपितों के पक्ष में दिया फैसला
बर्खास्तगी के बाद सभी आरोपितों ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और लंबे अंतराल के बाद उच्च न्यायालय ने इन सभी की बर्खास्तगी को समाप्त करते हुए इन्हें फिर से बहाल करने का आदेश वर्ष 2023 में दिया।
इससे पूर्व दो होमगार्ड जवानों की बहाली पुलिस में हो गई थी, जबकि शेष दो न्यायालय का आदेश मिलने के बाद अब भी नियुक्त किए जाने का इंतजार कर रहे हैं। विभाग के अनुसार दोनों जवानों के सभी दस्तावेज तैयार किए जा चुके हैं। संभवत: दोनों को जल्द बहाल कर लिया जाएगा।
यहां फंसी पेंच
न्यायालय का आदेश आने के बाद दिसंबर 2023 में गृहरक्षा वाहिनी कार्यालय धनबाद जिला समादेष्टा ने लिपिक को छोड़ अन्य सभी गृहरक्षकों को स्पष्टीकरण किया। इसमें यह कहा गया कि बिना विभाग की अनुमति के निजी तौर पर गवाहों ने न्यायालय में समझौता वाद दायर किया। यह अयोग्य गृहरक्षक होने की पहचान है। इस संबंध में उपरोक्त सभी गृहरक्षक अपना जवाब सौंपें।
गृहरक्षकों ने घटना से किया इंकार
गृहरक्षकों ने अपना स्पष्टीकरण भी विभाग को सौंप दिया है। जो अब सामने आया है। गृहरक्षकों ने सीधे तौर पर कहा है कि घटना के दिन वे सभी अपनी ड्यूटी समाप्त कर घर जा चुके थे। उन्हें बाद में बुलाया गया और एक सादे कागज पर वरीय अधिकारी ने हस्ताक्षर कराया। जबकि उन्हें गवाही के लिए भी कभी नहीं बुलाया गया। यह घटना उनकी जानकारी में नहीं है।