मथुरा। भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में राम भक्तों का तांता लगा हुआ है। उसी तरह मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान स्थित केशवदेव मंदिर में भगवान केशवदेव राम रूप में भक्तों को दर्शन दे रहे हैं। श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर रामनवमी के दिन भगवान कृष्ण को भगवान राम के रुप में श्रृंगार कराए जाने के पीछे प्राचीन परंपरा है। धर्मशास्त्रों के मुताबिक जब तुलसीदास जी ने भगवान कृष्ण से राम रूप में दर्शन देने का अनुरोध किया था, तब भगवान कृष्ण ने तुलसीदास जी को राम रूप में दर्शन दिए थे। उस समय गोस्वामी तुलसीदास की प्रार्थना पर भगवान श्रीकेशवदेव ने धनुष-बाण धारण कर मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम के रूप में उन्हे अलौकिक दर्शन दिये थे।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास जी जब भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए मथुरा आए तो ठाकुरजी बंशी लकुट काछनी काछे, मुकुट माथ भाल उर आहे स्वरूप में भगवान श्रीकेशवदेव जी के दर्शन कर गोस्वामी जी भाव-विभोर हो गये और उन्होंने पुनः प्रार्थना की कि:- का बरनऊ छवि आप की, भले बने हो नाथ। तुलसी मस्तक तब नवै, धनुष बाण लेऊ हाथ।। कपिल शर्मा ने कहा कि यह रामनवमी अपने आप में खास है, क्योंकि भगवान राम टेंट से निकलकर भव्य मंदिर में विराजमान हुए हैं। अयोध्या में आयोजित कार्यक्रमों के अनुरूप श्रीकृष्ण-जन्मभूमि पर भी कार्यक्रम शुरू हैं। केशवदेव मंदिर में भगवान ने बांसुरी और सुदर्शन चक्र को छोड़ मुख्य रूप से धनुष-बाण धारण कर रखे है। मंदिर में बधाई गायन चल रहा है।
राम के रुप में दिखे श्रीकृष्ण: बांसुरी-सुद्रशन चक्र उतार थामा धनुष-बाण
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