शहडोल । इसे विडंबना कहे या फिर शासन-प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता कि आजादी के 75 बरस बाद भी जिले के कई गांवों मे अंधकार छाया है। वहाँ आज तक बिजली के पोल तक नहीं गड़ सके हैं। यह गांव हैं जैतपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत मिठौली सरईडीह अतरौली और विनायका। यहां रहने वालों का सब्र जवाब दे गया तो सबने लालटेन हाथ में ली और कलेक्टर कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। शासन-प्रशासन व क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के आगे अपनी समस्या को रख-रखकर थक-हार चुके लोगों का लोकसभा चुनाब से तीन दिन पहले आक्रोश फूट पड़ा। पहले उन्होंने जैतपुर एसडीएम के नाम ज्ञापन देकर अल्टीमेटम दिया। फिर दर्जनों की संख्या में घर से लालटेन लेकर धरना देने कलेक्टर कार्यालय पहुंच गए। शान्तिपूर्ण ढंग से अपना विरोध जताते हुए अपने-अपने गांव मे बिजली सप्लाई की व्यवस्था करने की मांग रखी। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि आज हमारा देश चांद तक पहुंच चुका हैं लेकिन आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद हमारे घरों में आज तक एक बल्ब की रौशनी तक नहीं पड़ी है। गांव के बुजुर्गो का जीवन जहां लालटेन की रौशनी मे गुजर गया, वहीं जवान व बच्चे इस आस मे हैं कि शायद अब उनके गाँव में भी रौशनी आ जाए।
रोड नहीं तो वोट नहीं
संभागीय मुख्यालय मे जयस्तंभ मार्ग से मुरना नदी तक जो कि कलेक्टर कार्यालय, तहसील, अदालत, अस्पताल, स्कूल, बस्ती, बाजार आदि का आने-जाने का मुख्य मार्ग है, वहां पर बरसों से बड़े-बड़े गड्ढे एवं खस्ता हाल सड़क है। दो दिन के भीतर जयस्तंभ से मुरना नदी तक की खराब सड़क को बनाया जाए, गड्ढों को भरा जाए, नहीं तो सोहागपुर के निवासी इतिहास में पहली बार वोट का बहिष्कार करेंगे। समाज सेवी शान उल्ला खान ने बताया कि कई बार जनता ने शिकायत की। नगरपालिका, सीएम हेल्पलाइन, कलेक्टर आदि को शिकायतों के बाद भी कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई है। मजबूरन अब लोगों को चुनाव का बहिष्कार करना पड़ रहा है।