दमोह । दमोह में मंगलवार से नए अध्याय की शुरुआत हो रही है, जब प्रसिद्ध जैन तीर्थ कुंडलपुर में आचार्य विद्यासागर जी महाराज के उत्तराधिकारी के तौर पर समय सागर जी महाराज आचार्य पद स्वीकार करेंगे। इस नजारे को देखने के पूरे देश से करीब पांच से सात लाख लोगों के पहुंचने का अनुमान है। महोत्सव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक प्रमुख मोहन भागवत और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी शामिल होंगे। कार्यक्रम में देशभर के 400 से ज्यादा जैन संत भी मौजूद रहेंगे। महोत्सव समिति संयोजक वीरेश सेठ ने बताया, एक बजे चल समारोह के रूप में सभी साधुगण को पंडाल तक ले जाया जाएगा। वहां पहुंचकर पहले ध्वजारोहण होगा, इसके बाद पंडाल जिसका नाम विद्यासागर मंडपम दिया गया है इसका उद्घाटन होगा। पंडाल में बने रैंप पर चलकर पूरा मुनि संघ मंच पर विराजमान होंगे। मंच का संचालन निर्यापक श्रमण मुनि नियम सागर महाराज, मुनि प्रमाण सागर, आर्यिका रत्न पूर्णमति माताजी करेंगी। मंगलाचरण होगा, दीप प्रज्वलन होगा, चित्र अनावरण किया जाएगा।
श्रावक श्रेष्ठि, उपस्थित विशाल जन समूह आचार्य पद ग्रहण करने केलिए मुनि श्री से निवेदन करेगा। संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का उत्तरदायित्व संभालने पूरे देश की समाज मुनि श्री से निवेदन करेगी। मुनि संघ, आर्यिका संघ, ऐलक संघ, क्षुल्लक संघ, ब्रह्मचारी भैया, दीदी भी निवेदन करेंगे, चौक पूरा जाएगा कलश रखे जाएंगे, सिंहासन रखा जाएगा और नए आचार्य को सिंहासन पर बिठाया जाएगा। श्रेष्ठीजन सभी मिलकर पाद प्रक्षालन करेंगे, इसके बाद आचार्य महाराज का उद्बोधन होगा। आचार्य समय सागर जी महाराज को सबसे ऊंचे आचार्य के आसन पर बैठाया जाएगा। सोने-चांदी के कलश से आचार्य समय सागर जी महाराज के चरण धुलवाए जाएंगे।
200 एकड़ में की गई तैयारियां
महोत्सव के लिए 200 एकड़ भूमि पर तैयारियां की गई हैं। मुख्य आयोजन पंडाल समेत भोजनशाला, बाहर से आने वाले लोगों के रुकने के लिए एसी रूम, डोरमेट्री समेत अन्य व्यवस्थाएं हैं। देश-विदेश से श्रावकों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। महोत्सव में सात लाख से ज्यादा लोगों के शामिल होने का अनुमान है।
इस तरह आ सकते हैं कुंडलपुर
यदि 16 अप्रैल को आप कुंडलपुर आ रहे हैं तो इस प्रकार से वाहनों की आवाजाही रहेगी। जबलपुर की ओर से आने वाले लोग अभाना से मारूताल, समन्ना तिराहा, करैया फाटक, हिंडोरिया, देवडोंगरा, पटेरा, कुंडलपुर। अभाना से मारूताल, समन्ना तिराहा, बांदकपुर फाटक चौराहा, हिंडोरिया, देवडोंगरा, पटेरा, कुंडलपुर। अभाना से बनवार, बांदकपुर, बांदकपुर फाटक चौराहा, हिंडोरिया, देवडोगरा, पटेरा, कुंडलपुर। अभाना से बनवार, बांदकपुर, बांदकपुर फाटक चौराहा, कुम्हारी कुंडलपुर। सिहोरा से बहोरीबंद, रैपुरा, कुम्हारी, कुंडलपुर।
सागर की ओर से आने वाले वाहन
पावरग्रिड पॉइंट बाइपास से सरदार पटेल तिराहा (ओवर ब्रिज), इमलाई तिराहा, मुक्तिधाम तिराहा, बनगांव, हटा, पटेरा बायपास से कुंडलपुर।बंडा, केरबना, बटियागढ़, नीमन तिराहा, मगरोन, हटा, पटेरा बायपास, कुंडलपुर।
छतरपुर, टीकमगढ़ की ओर से आने वाले लोग
बड़ामलहरा से दरगुवां तिराहा, रजपुरा, मगरोन, हटा, पटेरा, कुंडलपुर। बड़ामलहरा से हीरापुर तिराहा, बक्सवाहा, बटियागढ़, मगरोन, हटा, पटेरा, कुंडलपुर।
पन्ना की ओर से आने वाले वाहन
अमानगंज से गन्यारी, हटा, पटेरा, कुंडलपुर। अमानगंज से गन्यारी, बनौली, हटा, कुंडलपुर। पबई से मोहन्द्रा, बनौली, माडवा, कुंडलपुर।
कटनी की ओर से आने वाले वाहन
रीठी से रैपुरा, कुम्हारी होते हुए कुंडलपुर पहुंचेंगे।
सबसे जरूरी बात यह कि कुंडलपुर जाने वाले वाहन जिस मार्ग से जाएंगे, वापसी के दौरान उसी मार्ग का उपयोग करें।
वरिष्ठता के आधार पर मुनि संघ विराजेंगे
7 एकड़ जमीन पर मुख्य पंडाल अलग से बनाया गया है। यहां आचार्य पद पदारोहण का कार्यक्रम होगा। पंडाल ढाई लाख वर्गफीट में तैयार किया गया है। इसके बीचों-बीच 10 फीट ऊंचाई पर आचार्य समय सागर जी महाराज विराजेंगे। वरिष्ठता के आधार पर जमीन से 6 फीट, 5 फीट, 4 फीट की ऊंचाई पर मुनि संघ के विराजमान की व्यवस्था की गई है।