इंदौर । इंदौर से भोपाल के बीच सोमवार को ग्रीन काॅरिडोर बना। भोपाल के बंसल अस्पताल से इंदौर के चोइथराम अस्पताल के बीच ग्रीन काॅरिडोर के माध्यम से दो घंटे 45 मिनट में किडनी इंदौर लाई गई। जिससे अब एक व्यक्ति को जीवनदान मिलेगा। सागर निवासी 54 वर्षीय हरिशंकर धिमोले पेशे से शिक्षक थे। वे बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती थे। डाक्टरों ने उन्हें ब्रेनडेथ घोषित किया। परिजनों ने अंग दान करने पर सहमति दी। इसके बाद ग्रीन काॅरिडोर की संभावनाएं बनी। इंदौर के चोइथराम अस्पताल में भर्ती एक व्यक्ति की किडनी खराब हो गई थी। तय प्रक्रिया के तहत उनका अंग प्रत्यारोपण के लिए चयन हुआ। परिजनों ने हरशंकर के अंगों को भीगी आंखों से विदाई दी। इसके बाद एम्बुलेंस मेंं विशेष बाक्स मेंं किडनी इंदौर पहुंचााई गई।
एक किडनी भोपाल के अस्पताल में ही ट्रांसप्लांट की गई, जबकि दूसरी किडनी लेकर भोपाल से डाक्टरों की मौजूदगी में एक टीम इंदौर के लिए रवाना हुई। इंदौर से भोपाल के बीच आने वाले जिलों के अफसरों को ग्रीन काॅरिडोर की सूचना दे दी गई थी, ताकि रास्ते यातायात बाधित न हो। भोपाल से एम्बुलेंस 12.30 बजे रवाना हुई, जो इंदौर तक 3.15 तक पहुंच गई। डाक्टरों ने पहले से ही प्रत्यारोपण की तैयारी कर ली थी। आपको बता दे कि इंदौर ग्रीन काॅरिडोर के मामले में देश में नंबर वन पर है। अब तक इंदौर में 55 ग्रीन काॅरिडोर बन चुके है। सात सालों पहले इंदौर में पहला ग्रीन काॅरिडोर बना था।