भारत में निर्मित स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस और एलसीएच प्रचंड की लोकप्रियता पूरी दुनिया में लगातार बढ़ रही है। इसे बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) का कहना है कि एलसीए 'तेजस' अपनी कैटेगरी में बेहतरीन लड़ाकू विमान होने की वजह से विदेशी खरीदारों में इसे खरीदने को लेकर काफी रुचि पैदा हुई है। एचएएल की कई देशों से इसे खरीदने को लेकर बातचीत चल रही है और जल्द ही पांच-छह देश इसे खरीदने को लेकर इच्छुक हैं। एचएएल ने हाल ही में गुयाना को डॉर्नियर-228 एयरक्राफ्ट भी डिलीवर किए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने भरी थी तेजस में उड़ान
एचएएल के चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर सीबी अनंतकृष्णन ने उम्मीद जताई है कि स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस को लेकर बड़ा निर्यात ऑर्डर मिलने की अधिक उम्मीद है। उन्होंने कहा जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेजस में उड़ान भरी है, उसके बाद से दुनियाभर के देशों का ध्यान तेजस ने खींचा है, जिससे इसके निर्यात में और बढ़ोतरी मिलने की उम्मीद है। एक साक्षात्कार में सीबी अनंतकृष्णन ने कहा कि पांच-छह देशों ने रुचि दिखाई है। अर्जेंटीना के साथ इस पर अभी भी बातचीत चल रही है। फिलीपींस के साथ बातचीत अंतिम चरण में है। मिस्र के साथ भी हम चर्चा कर रहे हैं और नाइजीरिया के साथ बातचीत सकारात्मक है।
इससे पहले अर्जेंटीना ने एलसीए तेजस को दरकिनार करते हुए डेनमार्क से सेकेंड-हैंड एफ-16 खरीदने का सौदा पक्का कर लिया था। हालांकि, दक्षिण अमेरिकी देश ने अर्जेंटीना ने 20 लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) 'प्रचंड' खरीदने को लेकर डील पर दस्तखत किए थे। जल्द ही 20 हेलीकॉप्टरों की अर्जेंटीना की सेनाओं को डिलीवरी की जा सकती है।
ब्रह्मोस के बाद तेजस खरीदना चाहता है फिलीपींस
वहीं इस साल की शुरुआत में, फिलीपींस मीडिया में चर्चा हुई थी कि एचसीएल ने एलसीए एमके1 नेवल वेरिएंट की लोकल असेंबलिंग की पेशकश की है। फिलीपींस मीडिया का कहना था कि एचएएल फिलीपीन एयरोस्पेस डेवलपमेंट कॉर्प में तेजस एमके1 की लोकल असेंबलिंग को लेकर इच्छुक है। फिलीपींस पहला देश है, जिसने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की खरीद का सौदा किया था। वहीं सभी की नजरें इस बात पर हैं कि क्या एलसीए एमके1ए खरीदने वाला भी वह पहला देश होगा?
हर साल बनेंगे 24 तेजस एमके1ए एयरक्राफ्ट
एमके1ए वेरिएंट ने हाल ही में मार्च के आखिर में उड़ान भरी थी, जिसकी काफी तारीफ भी हुई थी और एचएएल को भारतीय वायु सेना से 83 LCA MK1A के ऑर्डर मिले हैं। रक्षा मंत्रालय 97 अतिरिक्त एलसीए की खरीद के लिए पहले ही एचएएल को टेंडर जारी कर चुका है। जिन्हें अगले तीन से चार सालों में डिलीवर किया जाएगा। वहीं एचएएल ने इसकी बढ़ती मांग को देखते हुए अपनी मैन्यूफैक्चरिंग क्षमता बढ़ाई है, जिसके बाद एचएएल की निर्माण क्षमता सालाना 8 एयरक्राफ्ट से 16 एयरक्राफ्ट हो जाएगी। वहीं साल 2025 तक हर साल 24 एयरक्राफ्ट बनाना शुरू कर देगा क्योंकि उसका नासिक वाला प्लांट भी काम करना शुरू कर देगा।
प्रचंड को लेकर फिलीपींस उत्सुक
वहीं एचएएल चीफ को उम्मीद है कि एलसीए तेजस के साथ ही एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर प्रचंड की भी मांग बढ़ेगी। उन्होंने कहा, हेलीकॉप्टरों की डिमांड को लेकर हमें देर-सबेर सफलता मिलेगी। एएलएच के साथ सफलता की कई बड़ी कहानियां जुड़ी हैं। वहीं अब इस हेलीकॉप्टर का आर्म्ड वर्जन एमके4 वेरिएंट भी उपलब्ध है।
2023 में, फिलीपींस तट रक्षक बल ने एमओयू पर हस्ताक्षर करते हुए एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर एमके II और भारत में निर्मित युद्धपोतों को लेकर गहरी रुचि दिखाई थी। पिछले साल फिलिपिनो तटरक्षक बल के प्रमुख ने अपनी भारत यात्रा के दौरान, गोवा में एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर एमके III की उड़ान का एक डेमो भी लिया था।
ध्रुव हेलीकॉप्टर का ही एक वेरिएंट है प्रचंड
एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर एमके III असल में स्वदेशी ध्रुव हेलीकॉप्टर का ही एक वेरिएंट है। एमके III को भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल में शामिल किया गया है। यह 5.5-टन श्रेणी का मल्टी रोल और मल्टी मिशन हेलीकॉप्टर है, जिसमें कई खूबियां हैं। वहीं एचएएल को कोशिश है कि एएलएच की उत्पादन क्षमता में भी बढ़ोतरी की जाए। फिलहाल एचएएल की उत्पादन क्षमता 30 एएलएच प्रति वर्ष है, जिसे बढ़ा कर 60 से 90 हेलीकॉप्टर प्रति वर्ष किया जा सकता है।
नाइजीरिया की भी है प्रचंड पर नजर
फिलीपींस के अलावा नाइजीरिया ने भी तेजस और प्रचंड के अलावा लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच) और एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) 'ध्रुव' में रुचि दिखाई है। 2023 में, नाइजीरिया ने भारत के साथ एक बिलियन अमेरिकी डॉलर के रक्षा सौदों को मंजूरी दी। नाइजीरियाई प्रतिनिधिमंडल ने एयरक्राफ्ट का डेमो देखा था, लेकिन अभी भी उन्हें उड़ाना बाकी है। इनकी खरीद के लिए बातचीत प्रक्रिया अभी प्रारंभिक चरण में है। एचएएल ने छह नाइजीरियाई सेना के विमान पायलटों को पहले चेतक हेलीकॉप्टरों पर प्रशिक्षित किया है। प्रशिक्षण का पहला चरण दिसंबर 2021 और दूसरा चरण दिसंबर 2022 में पूरा हो चुका है।
भारत में नाइजीरियाई उच्चायोग के रक्षा सलाहकार कमोडोर एंथनी विक्टर कुजोह ने 2022 में कहा था कि नाइजीरिया न केवल प्रशिक्षण के लिए बल्कि खरीदारी के लिए भी एचएएल के साथ व्यापारिक संबंधों को आगे बढ़ाना चाहता है। भारत ने नाइजीरिया को एलसीए, एएलएच और एलयूएच की पेशकश ही है। 2020 में, नाइजीरियाई की सेना और वायु सेना ने लड़ाकू हेलीकॉप्टर खरीदने में रुचि दिखाई थी। सेना पूर्वोत्तर क्षेत्र में तैनात अपने सैनिकों को हवाई सहायता देने के लिए हमलावर हेलीकॉप्टरों की इच्छुक है। वहीं भारतीय सेनाएं भी हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर 'प्रचंड' का बेहतरीन इस्तेमाल कर रही हैं। प्रचंड को पहले ही सियाचिन बेस कैंप और चीन के साथ पूर्वी सीमा पर तैनात किया जा चुका है। एलसीएच पहला हेलीकॉप्टर है, जो हथियारों और ईंधन के वजन के साथ 5,000 मीटर ऊंचाई पर काम कर सकता है। यहीं वजह कि उसे सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र-सियाचिन ग्लेशियर में तैनात किया गया है। 1999 में कारगिल संघर्ष के दौरान भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल रूसी एमआई-25 और एमआई-35 इतनी ऊंचाई पर लोड के साथ उड़ान भरने में असफल साबित हुए थे। जिसके बाद हल्के, स्टील्थ और तेज गति से हमले करने वाले हेलीकॉप्टरों के निर्माण की योजना बनाई गई।