इंदौर । विधानसभा चुनाव के इंदौर मेें मेट्रो का पहला ट्रायल रन तो हो गया, लेकिन इस साल 17 किलोमीटर के ट्रेक का ट्रायल रन मुश्किल नजर आ रहा है। विधानसभा चुनाव के बाद मेट्रो का काम गति नहीं पकड़ पा रहा है। गांधी नगर से रेडिसन चौराहे तक आठ मेट्रो स्टेशन बनना हैं, लेकिन अभी तक एक ही स्टेशन पूरी तरह तैयार हो पाया है। इसके अलावा चंद्रगुप्त मोर्य प्रतिमा से विजय नगर तक ट्रेक भी नहीं बिछ पाए हैं। गांधी नगर मेट्रो डिपो से पांच किलोमीटर का ट्रायल रन पिछले साल तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया था। तब उन्होंने अफसरों को निर्देश दिए थे कि वर्ष 2024 सितंबर तक मेट्रो डिपो से लेकर रेडिसन चौराहे तक 17 किलोमीटर लंबाई में ट्रायल रन हो और इस हिस्से में मेेट्रो के नियमित संचालन भी हो, लेकिन सितंबर काम संभव दिखाई नहीं दे रहा है। सबसे बड़ी चुनौती सुपर कॉरिडोर ब्रिज और एमआर-10 ब्रिज पर रेलवे पटरी के ऊपरी हिस्से में ट्रेक बिछाने की है। इसके लिए रेल विभाग से अनुमति लेना होगी। अभी वड़ोदरा से नई पटरियां भी नहीं आई हैं।
नए हिस्से में भी काम नहीं
मेट्रो का नया काम रोबोट चौराहा से पलासिया चौराह के बीच भी होना है। इसका ठेका भी एक कंपनी को सौंप दिया गया है, लेकिन आचार संहिता के कारण भूमिपूजन नहीं होने से निर्माण कार्य अटक गया। इस हिस्से में 530 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
आचार संहिता हटने के बाद बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। उधर एमजी रोड पर भूमिगत ट्रेक का काम इस साल शुरू होता नजर नहीं आ रहा है। मेट्रो के लिए इस हिस्से में सर्वे हो चुका है, लेकिन अभी तक टेंडर नहीं हुए हैं।