जबलपुर। काँग्रेस पार्षद दल के पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेश सोनकर पूर्व पार्षद एडवोकेट तेज कुमार भगत, संजय बघेल ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुये कहा कि प्रशासन की नाक के नीचे अप्रेल माह में रेमडिसीवेर इंजेक्शन, ऑक्सीजन एवं दवाइयों की कालाबाजारी हुई। इतना ही नही कोरोना महामारी को अवसर समझने वाले लोगो ने जनता का जमकर खून चूसा और आखिरकार सच सामने आ गया कि लोगो की मौत के पीछे नकली इंजेक्शन और दवाईयाँ है। जिसके कारण लोगो को अपने परिजनों को खोना पड़ा। जारी प्रेस विज्ञप्ति में पूर्व पार्षदों ने अप्रेल माह में हर अस्पताल में हुई मौतों का हिसाब मांगा जाये। इसके साथ ही ऑडिट कराया जाने की मांग की है कि कितने लोगों की मौत रेमडीसीवेर इंजेक्शन न मिलने के कारण हुई है और कितने इंजेक्शन प्रशासन ने इन अस्पतालों को मुहैया कराये थे। इसका लेखा जोखा जब्त करना चाहिये। ताकि जनता के सामने सच आ सके इतना सब कुछ प्रशासन के आंख के सामने चल रहा था और जबलपुर का प्रशासन धृतराष्ट्र बना बैठा रहा लोगों की जिंदगियों के साथ मजाक हो रहा था। लोग अपनी तिजोरी भर रहे थे। जिन अस्पतालों को अनुभव भी न था उन्हें भी कोविड मरीज के इलाज करने का लाइसेंस दे दिया गया। नकली दवा, नकली इंजेक्शन, ऑक्सीजन की कालाबाजारी चलती रही और शहर की बेबस जनता अपने डॉक्टर रूपी भगवान से लुटती रही जनता के आंसू पोछने वाला एक मसीहा कही भी सामने न आया रातों रात कोरोना महामारी को अवसर समझने वाले तथाकथित मालामाल हो गये और बेबस जनता कंगाल हो गई। जारी प्रेस विज्ञप्ति में जबलपुर शहर में अप्रेल माह में हुई मौतों की न्यायिक जाँच की मांग की है और दोषियों पर हत्या के मुकदमे दर्ज करने की मांग की है।
नकली रेमडीसीवेर इंजेक्शन से हुई मौतों की न्यायिक जाँच की मांग
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