आगरा । आगरा की पुलिस लापता छात्र का 40 दिन बाद भी सुराग न लगा सकी है। इस सदमे से पिता की मौत हो गयी है। ये मामला सीमा विवाद में पड़ा तो घरवालों के होश उड़ गए। थाने पहुंचा छोटा भाई फफक कर रो पड़ा लेकिन उसे सहारा देने वाला कोई न था। आगरा कमिश्नरेट बनने के बाद भी पुलिस का ढर्रा नहीं बदल सका है। लापता छात्र के बारे में पुलिस 40 दिन बाद भी सुराग नहीं लगा सकी है। अब थाना सदर की पुलिस ने परिजनों को यह कहकर लौटा दिया है कि बेटे की आखिरी लोकेशन एत्मादपुर में मिली थी। अब जांच एत्मादपुर पुलिस करेगी।
सदर के रोहता राधे गार्डन के रहने वाले विपिन मिश्रा ने बताया कि उनके चाचा प्रदीप मिश्रा ट्रांसपोर्टर थे। वह करीब डेढ़ साल से कैंसर से जूझ रहे थे। उनका इकलौता बेटा रितिक मिश्रा (24) कासगंज के एसएन कॉलेज से बीएससी कर रहा था। 16 फरवरी को प्रयोगात्मक परीक्षा देने गया था। दोपहर ढाई बजे कासगंज से आगरा के लिए बस में सवार हुआ था। रात 8 बजे चचेरी बहन से उसकी फोन पर बात हुई। उसने बताया कि एत्मादपुर तक आ गया है। जल्दी घर पहुंच जाएगा। इसके बाद परिवार में किसी की रितिक से बात नहीं हुई। परिजन 17 फरवरी को पहले एत्मादपुर थाने गए। जहां से पुलिस ने उन्हे सदर थाने भेज दिया। थाना सदर में गुमशुदगी दर्ज करके जांच बुंदूकटरा चौकी पर भेज दी गयी। इसके बाद परिजन पुलिस चौकी के चक्कर काटते रहे और पुलिस टहलाती रही। विपिन ने बताया कि 28 मार्च को चाचा ने दम तोड़ दिया। आखिरी समय वह सिर्फ एक ही सवाल पूछते थे रितिक कब आएगा। अब चौकी प्रभारी बुंदूकटरा ने पीड़ित परिवार को दो टूक जवाब दे दिया है कि छात्र की आखिरी लोकेशन एत्मादपुर में मिली थी। उन्होंने जांच एत्मादपुर थाने भेज दी है। परिजन ने एत्मादपुर थाने में संपर्क किया तो पुलिस ने जानकारी होने से ही मना कर दिया है।
लापता छात्र का 40 दिन बाद भी सुराग न लगा तो सदमे से पिता की मौत
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