लखनऊ। माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी को गुरुवार देर रात को तबीयत बिगड़ने के बाद जिला जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई।
बांदा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य सुनील कौशल ने बताया, मेडिकल कॉलेज में दिल का दौरा पड़ने से अंसारी की मौत हो गई। समाजवादी पार्टी ने अंसारी के निधन को दुखद बताया है। मेडिकल कॉलेज की ओर से जारी मेडिकल बुलेटिन में कहा गया है, गुरुवार को रात लगभग 8:25 बजे जेल कर्मी बेहोशी की हालत में दोषी/विचाराधीन कैदी मुख्तार अंसारी को रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज बांदा के आकस्मिक विभाग में लाए। नौ चिकित्सकों की टीम ने मरीज को तत्काल चिकित्सा प्रदान की। परंतु काफी प्रयासों के बावजूद दिल का दौरा पड़ने से मरीज की मौत हो गई।
माफिया मुख्तार की मौत के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने पूरे प्रदेश में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। बांदा, मऊ, गाजीपुर और वाराणसी जैसे जिलों में पुलिस की टीम गश्त लगा रही हैं। समाजवादी पार्टी ने लिखा, पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी का इंतकाल, दुःखद। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें। शोकाकुल परिजनों को यह असीम दुःख सहने का संबल प्राप्त हो। विनम्र श्रद्धांजलि! इसके पहले मंगलवार सुबह करीब चार बजे अंसारी को पेट दर्द, पेशाब और शौच में समस्या के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था, इलाज के बाद अंसारी को छुट्टी दे दी गई थी।
वहीं मुख्तार के भाई सांसद अफजाल अंसारी के मुताबिक मुख्तार ने दावा किया था कि उन्हें दो बार खाने में जहर दिया गया है। गाजीपुर से बसपा सांसद अफजाल ने बताया था कि आज तड़के उन्हें मोहम्मदाबाद थाने से एक संदेश प्राप्त हुआ जिसमें उन्हें बताया गया कि मुख्तार की तबीयत खराब है और उन्हें बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। अफजाल ने बांदा मेडिकल कॉलेज पहुंचने के बाद कहा कि मुख्तार को गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में रखा गया और वह होश में हैं।
अफजाल के मुताबिक, मुख्तार ने उन्हें बताया है कि उन्हें खाने में कोई जहरीला पदार्थ खिलाया गया है और ऐसा दूसरी बार हुआ है। उन्होंने कहा कि मुख्तार ने उन्हें बताया कि करीब 40 दिन पहले भी उन्हें जहर दिया गया था और हाल ही में शायद 19 या 22 मार्च को फिर ऐसा किया गया, जिसके बाद से उनकी हालत खराब है। अफजाल ने कहा था कि 21 मार्च को बाराबंकी की अदालत में मामले की डिजिटल माध्यम से सुनवाई के दिन मुख्तार के वकील ने अदालत में दरखास्त दी थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनके मुवक्किल को जेल में धीमा जहर दिया गया है जिससे उनकी हालत बिगड़ती जा रही है।
माफिया मुख्तार की मौत के बाद पूरे यूपी में धारा 144 लागू
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