सिंगापुर दौरा खत्म करने के बाद केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर फिलीपींस पहुंचे हैं। फिलीपींस के विदेश मंत्री एनरिके मनालो के साथ मिलकर जयशंकर ने एक प्रेस कॉन्फेरेंस को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि भारत अपनी राष्ट्रीय संप्रभुत्ता को बनाए रखने के लिए फिलीपींस का समर्थन करता है। प्रेस कॉन्फेरेंस के बाद जयशंकर ने फिलीपींस के राष्ट्रपति बॉन्गबॉन्ग मार्कोस से मुलाकात की।
फिलीपींस दौरे पर जयशंकर
प्रेस कॉन्फेरेंस को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि मनील में अपने समकक्ष एनरिके मनालो के साथ उन्होंने बहुत अच्छी चर्चा की। उन्होंने आगे कहा, "मैं इस अवसर पर फिलीपींस की राष्ट्रीय संप्रभुता को बनाए रखने के लिए भारत के समर्थन को दोहराता हूं। सभी देश को अपनी संप्रभुता को बनाए रखने और उसे लागू करने का पूरा अधिकार है। यह कुछ ऐसा है, जिसपर हमने चर्चा की।"
फिलीपींस के साथ गहरे हो रहे संबंध: जयशंकर
प्रेस कॉन्फेरेंस को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, हम केवल महत्वपूर्ण समुद्री राष्ट्र नहीं है, लेकिन हम हिंद-प्रशांत के दो छोर हैं। बिलकुल अंत में नहीं, पर फिलीपींस कहीं बीच में है। समुद्री सुरक्षा में सभी देश की रुचि होती है, लेकिन हमारे मामले में यह कई अन्य देशों की तुलना में अधिक है।
उन्होंने आगे कहा, "अब हमारे संबंध जब गहरे हो रहे हैं तो जाहिर तौर पर हम अब रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में भी काम करेंगे। यह भी महत्वपूर्ण है कि हम सहयोग के अन्य पहलुओं पर भी गौर करें। दोनों देश इंडो-पैसिफिक मैरिटाइम डोमेन अवेयरनेस इनिशिएटिव एंड रिकैप का हिस्सा है, जो कि सिंगापुर में स्थित है।"
जयशंकर ने की फिलीपींस के राष्ट्रपति से मुलाकात
केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने फिलीपींस के राष्ट्रपति बॉन्गबॉन्ग मार्कोस से भी मुलाकात की। उन्होंने भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से उन्हें व्यक्तिगत शुभकामनाएं भी दी। राष्ट्रपति मार्कोस के साथ जयशंकर ने द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने इसकी जानकारी दी।
जयशंकर ने बताया कि पिछले साल से दोनों देशों के बीच नौसेना अभ्यास शुरू किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि हाल के समय में भारत और फिलीपींस के बीच द्विपक्षीय संबंध बहुत गहरा हुआ है।