भोपाल । भोपाल की ताजुल मस्जिद की सैयद सुलेमान नजवी कुतुबखाने (लाइब्रेरी) मैं कुरान के साथ-साथ चारों वेद,रामायण, गीता जैसे ग्रंथ देखने और पढ़ने को मिलेंगे। इनका धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है। भारत में ऐसी लाइब्रेरी और कहीं नहीं है।
यहां पर सोने से लिखी हथेली के आकार की कुरान लाइब्रेरी में है। छठे मुगल बादशाह औरंगजेब जिन्होंने 1658 से 1707 तक शासन किया। उनके हाथ से लिखी हुई कुरान भी यहां मौजूद है। यहां की लाइब्रेरी में चारों वेद के अलावा रामायण, गीता जैसे ग्रंथ भी उर्दू भाषा में उपलब्ध हैं। इस लाइब्रेरी में 25000 से ज्यादा किताबें मौजूद हैं।
धार्मिक पुस्तकों को बड़े सलीके साथ रखा जाता है। लगभग 55 विषयों की किताबें यहां पर मौजूद हैं। अरबी, फारसी, उर्दू,संस्कृत, अंग्रेजी और हिंदी भाषा की किताबें लायब्रेरी में उपलब्ध हैं। जो छात्र-छात्राएं रिसर्च करना चाहते हैं। उनके लिए यह लाइब्रेरी सबसे ज्यादा मुफीद मानी जाती है।
भोपाल की ताजुल मस्जिद मे वेद और पुराण भी
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