बेंगलुरु। राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष के मल्लिकार्जुन खरगे इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। खरगे के बेटे प्रियांक ने भी लोकसभा चुनाव लड़ने में नहीं दिखाई दिलचस्पी तो खरगे ने कर्नाटक की अपनी पारंपरिक सीट गुलबर्गा से दामाद राधाकृष्ण डोड्डामणि को मैदान में उतारा है।
दरअसल गुरुवार को कांग्रेस उम्मीदवारों की तीसरी सूची जारी हुई उसमें खरगे का नाम नहीं था। कांग्रेस अध्यक्ष के बेटे प्रियांक खरगे, जो फिलहाल गुलबर्गा में चित्तपुर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और कर्नाटक सरकार में मंत्री हैं, उनको भी लोकसभा चुनाव लड़ने में दिलचस्पी नहीं थी इसलिए कांग्रेस ने खरगे के दामाद को टिकट देकर मैदान में उतारा है। कर्नाटक की पारंपरिक सीट गुलबर्गा से खरगे 2009 और 2014 से यहां से ही चुनाव जीते थे, लेकिन वो 2019 में चुनाव हार गए थे।
खरगे को टिकट न देने पर कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कहा कि खरगे के पास पार्टी का बहुत काम हैं, क्योंकि उनके पास कई जिम्मेदारियां हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी मामलों के प्रबंधन के अलावा, उन्हें इंडिया ब्लॉक के सहयोगियों के साथ समन्वय करना होगा। साथ ही, राज्यसभा में उनका कार्यकाल अभी खत्म नहीं हुआ है।
चुनाव लड़ने को दामाद भी इच्छुक नहीं थे
खरगे के दामाद डोड्डामणि एक व्यवसायी हैं जो शैक्षणिक संस्थानों का प्रबंधन भी करते हैं। सूत्रों से पता चला है कि वह भी चुनाव लड़ने का तैयार नहीं थे, लेकिन ससुर और कांग्रेस के समझाने पर उन्होंने बात मान ली। उन्होंने अपने ससुर खरगे के चुनावी अभियानों के प्रबंधन और रणनीति बनाने में हमेशा पर्दे के पीछे से ही काम को अंजाम दिया है।
खरगे ने अपनी पारंपरिक सीट से दामाद को मैदान में उतारा
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