नई दिल्ली । कर्ज के बोझ तले दबी ढांचागत वित्त कंपनी आईएलएंडएफएस के निदेशक मंडल ने इरादतन चूककर्ता घोषित करने की कार्यवाही शुरू करने से 11 कर्जदाताओं को रोकने के लिए अपीलीय न्यायाधिकरण एनसीएलएटी मचि अर्जी दाखिल की है। सार्वजनिक क्षेत्र के ऋणदाता आईएलएंडएफएस समूह की कंपनियों को बकाया भुगतान न करने पर इरादतन चूककर्ता घोषित करने की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी में हैं। इस पर रोक लगाने के लिए निदेशक मंडल ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) की मदद ली है। कंपनी ने अपनी याचिका में कहा है कि वह अपीलीय न्यायाधिकरण के पिछले आदेशों का बैंकों द्वारा किए गए घोर उल्लंघन और अवहेलना से व्यथित है। उसने बैंकों पर आरबीआई दिशानिर्देशों की आड़ में प्रक्रियात्मक कार्रवाई करने और समूह की कंपनियों के निदेशकों को परेशान करने का भी आरोप लगाया। इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि बैंक कारण बताओ नोटिस जारी कर रहे हैं, इरादतन चूककर्ता पहचान समिति के समक्ष व्यक्तिगत सुनवाई की मांग कर रहे हैं और कंपनियों एवं उनके निदेशकों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करने की धमकी दे रहे हैं।
आईएलएंडएफएस के बोर्ड ने एनसीएल्एटी में बैंकों के खिलाफ अर्जी लगाई
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