राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने पिछली कांग्रेस सरकार की एक और योजना का नाम बदल दिया है। कांग्रेस सरकार में प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को विदेश में पढ़ाई के लिए भेजने को लेकर शुरू की गई राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडिमिक एक्सीलेंस योजना का नाम बदलकर अब स्वामी विवेकानंद स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना किया गया है।
अब तीन सौ छात्र-छात्राओं को ही विदेश जाने की अनुमति
योजना का नाम बदलने के साथ ही सरकार ने विदेश में भेजे जाने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या में भी कमी करने का निर्णय लिया है। पिछली कांग्रेस सरकार में प्रतिवर्ष पांच सौ छात्र-छात्राओं को विदेश में पढ़ाई के लिए भेजने का प्रावधान था। लेकिन अब सरकार ने तीन सौ छात्र-छात्राओं को ही विदेश में पढ़ने के लिए भेजने का फैसला किया है।
दो सौ छात्र-छात्राओं को देश के ही प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थाओं में उच्च शिक्षा के लिए भेजा जाएगा। इस योजना के तहत छात्र-छात्राओं की शिक्षा का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करती है। उच्च शिक्षा विभाग इस काम को देखता है। शिक्षा सत्र 2023-24 में मिले आवेदनों का उच्च शिक्षा विभाग एक बार फिर परीक्षण करवाएगा।
इंदिरा रसोई योजना का बदला गया नाम
आवेदनों का अंतिम रूप से चयन शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी करेगी। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भाजपा सरकार ने कांग्रेस सरकार में शुरू की गई इंदिरा रसोई योजना का नाम बदलकर अन्नपूर्णा रसोई योजना किया है। इस योजना में आठ रूपये में लोगों को भरपेट भोजन उपलब्ध करवाया जाता है।
भाजपा सरकार ने मुख्यमंत्री वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय वरिष्ठ नागरिक तीर्थ योजना कर दिया गया । पिछली कांग्रेस सरकार ने मीसा बंदियों की पेंशन बंद कर दी थी। भजनलाल सरकार ने 20 हजार रूपये मासिक पेंशन शुरू की है। सरकार ने मीसा बंदियों को लोकतंत्र सेनानी नाम दिया है।