खंडवा । खंडवा सहित बुरहानपुर जिले के वाहन चालकों को पेट्रोल और डीजल की खरीदी पर लगभग एक रुपये 38 पैसे की अतिरिक्त वसूली पिछले कई महीने से लगातार जारी थी। इसको लेकर खंडवा और बुरहानपुर जिलों में कई बार स्थानीय नागरिकों सहित स्वयंसेवी संगठनों और जनप्रतिनिधियों ने भी आवाज मुखर की थी। हालांकि, इसको लेकर तेल कंपनियां मोरटक्का पुल के बंद होने और तेल टैंकरों के मार्ग परिवर्तित कर लंबे मार्ग से आने का बहाना बनाकर बच रही थीं, जिसको लेकर जब जिला कलेक्टर ने जांच करवाई, तब तेल कंपनियों का झूठ सामने आ गया। और उनके तेल टैंकर मोरटक्का ब्रिज से ही जिले में प्रवेश करते नजर आए। इसके बाद अब जिला प्रशासन पेट्रोलियम पदार्थों के दाम कम करने को लेकर इन कंपनियों पर नकेल कसने की तैयारी कर रहा है।
निमाड़ के खंडवा सहित बुराहनपुर जिले के नागरिकों को बीते कई महीने से अन्य जिलों की अपेक्षा पेट्रोल-डीजल के दामों पर एक रुपये 38 पैसे ज्यादा देना पड़ रहा था। वहीं, इस अतिरिक्त वसूली को लेकर तेल कंपनियों की ओर से मार्ग परिवर्तन का हवाला दिया जा रहा था। हालांकि, इसको लेकर स्थानीय लोगों की लगातार शिकायत को देखते हुए जिला कलेक्टर अनूप कुमार सिंह ने फ़ूड डिपार्टमेंट के अधिकारियों को मामले की वास्तविकता पता करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद खाद्य विभाग द्वारा जिले के मोरटक्का नगर जाकर टैंकरों का आवागमन चेक किया गया। इसमें ये टैंकर मोरटक्का पुल से ही आते-जाते मिले। जबकि तेल कंपनियों का कहना था कि टैंकरों को मोरटक्का पुल की बजाय घूमकर आना पड़ता है और वे खरगोन मार्ग से होते हुए आते हैं। जबकि खाद्य विभाग द्वारा मामले की सत्यता कुछ और ही बताई गई। इधर, खंडवा के अपर कलेक्टर कांशीराम बड़ोले ने बताया कि खाद्य विभाग के अफसर को टैंकरों की वास्तविकता जांचने के लिए मोरटक्का पुल पर भेजा गया था। उसके बाद उन्होंने यह बताया है कि टैंकर मोरटक्का पुल की ओर से ही आ रहे हैं। वह खरगोन से घूमकर नहीं आ रहे हैं। इसके बावजूद तेल कंपनियों द्वारा ट्रांसपोर्टेशन के नाम पर अतिरिक्त शुल्क वसूल किया जा रहा है। हमने तेल कंपनियों के सेल्स मैनेजर को बुलाकर उनसे चर्चा की है। अब सेल्स मैनेजर द्वारा एनएचएआई को पत्र लिखे गए हैं। जल्द ही उन पत्रों का जवाब आएगा और आमजन को पेट्रोल-डीजल की बढ़ी हुई कीमतों से निजात मिलेगी।