लखनऊ । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य दिनेश शर्मा ने दावा किया कि विपक्षी दल मोदी फोबिया (मोदी भय) के कारण एकजुट हुए हैं। लोकसभा चुनाव के लिए एकता का दिखावा कर रहे यह दल तीन महीने बाद एक-दूसरे से झगड़ना शुरू कर देने वाले हैं। उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने दावा किया कि, चुनाव में उनके (विपक्षी दल) बढ़े हुए अहंकार और खराब प्रदर्शन के कारण वे अपने बीच से (लोकसभा में) विपक्ष का एक नेता भी नहीं चुन पाएंगे। उन्होंने कहा, मोदी फोबिया के कारण वे एक साथ आने के लिए मजबूर हुए हैं। जो पार्टियां अब एक साथ आ रही हैं, वे तीन महीने बाद आपस में ही लड़ती नजर आएंगी।
राज्यसभा सांसद शर्मा ने कहा, एक-दूसरे को गाली देने वाले अवसरवादी विपक्षी दल अपना अस्तित्व बचाने के लिए आपस में बेमेल गठबंधन बना रहे हैं। जो लोग एक-दूसरे को जेल भेजने की बात करते थे, वे एक-दूसरे को गले लगा रहे हैं। चुनाव में भाजपा का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी (सपा) और तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों ने इंडिया गठबंधन बनाया है। हाल ही में कुछ दक्षिणी राज्यों का दौरा कर चुके भाजपा राज्यसभा सदस्य ने कहा, लोकसभा चुनाव के लिए कुछ विपक्षी दल एक साथ आए हैं, लेकिन अपने नेताओं के अहंकार के कारण वे अपने बीच से विपक्ष के नेता का चयन नहीं कर पाएंगे। उन्होंने विश्वास जताया कि भाजपा और उसके सहयोगी लोकसभा चुनाव में 400 से अधिक सीटें जीत रहे है। शर्मा ने समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधकर कहा कि चुनावी मौसम भगवान राम और सनातन धर्म के विरोधियों को भी राम-राम जपने पर मजबूर कर रहा है। भाजपा नेता ने कहा, राम भक्तों पर गोलियां चलवाने वाले सपा नेता इटावा में मंदिर बनवा रहे हैं।
मोदी फोबिया के कारण एकजुट हो रहे विपक्षी दल...चुनाव के बाद लड़ते नजर आएंगे
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