इंदौर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के बाद अब टोसीलीजुमेब इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले ठग ऑनलाइन एप्लीकेशन का सहारा ले रहे हैं। मामला विजय नगर थाना क्षेत्र का है जहां पर एक पीड़िता ने शिकायत की थी कि सोशल मीडिया के माध्यम से इंदौर स्मार्ट सिटी के नाम से एक ग्रुप बना हुआ है जिस पर कोरोना में मिलने वाली ऑक्सीजन इंजेक्शन दवाइयां सभी उपलब्ध है और जिस भी व्यक्ति को चाहिए इस पर संपर्क कर सकता है।
पीड़िता की शिकायत पर एसपी आशुतोष बागरी के नेतृत्व में थाने पर एक टीम गठित की और उन्होंने इन ठगों को पकड़ने के लिए एक जाल बिछाया। इसके बाद शातिर ठग पुलिस के हिरासत में आ गया।
एसपी बागरी ने बताया कि शिकायत के बाद विजय नगर थाने की SI प्रियंका शर्मा द्वारा आरोपी सुरेश यादव निवासी बाणगंगा से मैसेंजर पर टोसीलीजुमेब इंजेक्शन की जरूरत बताया। इस पर आरोपी ने महिला से ढाई लाख रुपए में सौदा तय हुआ। आज उसे मिलने के लिए बुलाया। आरोपी ने महिला से यह भी कहा कि रुपए शक्कर की थैली में लाना यदि पुलिस पूछे तो बोल देना कि घर के लिए शक्कर लेने आई थी। इस इंजेक्शन की कीमत मेडिकल दुकानों पर 40 हजार रुपए है।
सिर्फ महिलाओं को देता था टोसीलीजुमेब
ठग इतना शातिर था कि जब उसे इंजेक्शन के लिए मैसेज आते थे तो वह पहले यह तस्दीक कर लेता था कि जिसे इंजेक्शन चाहिए है वह महिला है या पुरुष। इसके बाद उससे वह सौदा तय करता था। ढाई लाख रुपए में सौदा तय होने के बाद थाने के जवान भरत बड़े को ऑटो ड्राइवर बनाया और SI प्रियंका शर्मा को ग्राहक बनाकर विजय नगर थाना क्षेत्र में भेजा गया। जहां पर आरोपी ने रुपए की थैली लेकर तुरंत प्रियंका को वापस जाने के लिए कहा कि जल्दी से चले जाओ नहीं तो पुलिस आ जाएगी। आरोपी को यह नहीं मालूम था कि जिसे वह इंजेक्शन दे रहा है वह खुद ही पुलिस है और तुरंत भरत ने आरोपी सुरेश यादव को गिरफ्तार कर लिया।
5 को बना चुका है शिकार
पकड़ाया आरोपी सुरेश यादव इलेक्ट्रिशियन का काम करता है और कोरोना काल में सोशल मीडिया पर देख रहा था। कि इंजेक्शन के लिए लोगों को काफी जरूरत है और लगातार लाखों रुपए देकर भी इस इंजेक्शन को लोगों ने हासिल करना चाह रहे हैं। इस कारण तो उसने अब तक 5 लोगों को अपना शिकार बनाया है। पुलिस पूछताछ कर रही है। मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं।