इंदौर । लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने वर्तमान सांसद शंकर लालवानी को फिर से टिकट दिया है। कांग्रेस में भंवरसिंह शेखावत का नाम आगे चल रहा है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक भंवर सिंह शेखावत का नाम लगभग तय है। गौरतलब है कि भंवर सिंह शेखावत भाजपा कि दिग्गज नेता रहे हैं। भाजपा संगठन से नाराज होकर वे कांग्रेस में आए हैं। शेखावत ने कहा कि अभी स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने उनसे इस विषय में बात की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की तरफ से कोई संदेश अभी नहीं आया है। कांग्रेस हाईकमान से यह बात आएगी तो मैं इंदौर से लोकसभा चुनाव लड़ने पर विचार करूंगा। उन्होंने यह भी कहा कि मैं अभी तीन महीने पहले ही बदनावर से विधायक बना हूं और मुझे यहां की जनता की सेवा करना है।
भाजपा कार्यकर्ताओं में शेखावत की अच्छी पैठ
भंवर सिंह शेखावत की भाजपा कार्यकर्ताओं में अच्छी पैठ मानी जाती है। वे भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में से एक रहे हैं। वे मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से पहले भाजपा में आ गए थे। 1990 के दशक में वे इंदौर की पांच नंबर विधानसभा से विधायक रह चुके हैं। दस साल पहले पार्टी ने उन्हें भाजपा ने बदनावर से टिकट दिया था। शेखावत ने उस समय कांग्रेस के राज्यवर्धन दत्तीगांव को हराया था। पिछले चुनाव में दत्तीगांव ने शेखावत को हरा दिया। इसके बाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में दत्तीगांव भाजपा में आ गए। उन्हें बाद में राज्य उद्योग मंत्री बना दिया गया। इस पर शेखावत ने नाराजगी जाहिर की। तभी से शेखावत की भाजपा के शीर्ष नेताओं से अनबन चलती रही। बाद में वे कांग्रेस में आ गए।
बेटा अभी भी भाजपा में
भंवर सिंह शेखावत के बेटे संदीप शेखावत पूर्व पार्षद हैं। वह भाजपा में हैं। वे इंदौर के जगजीवराम नगर से दो बार पार्षद रहे हैं। फिलहाल वे भाजपा में कोई पद पर नहीं हैं लेकिन उन्होंने पार्टी नहीं छोड़ी है।
सिंधिया के खास विधायक को हराया
पिछले विधानसभा चुनाव में बदनवार विधानसभा सीट भाजपा ने कांग्रेस से छीन ली। यहां भाजपा से कांग्रेस में गए भंवर सिंह शेखावत ने 2,976 वोटों के अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी और यहां के पूर्व विधायक राजवर्द्धन सिंह दत्तीगांव को पराजित किया। इस चुनाव में भंवर सिंह शेखावत को कुल 93,733 वोट मिले जबकि राजवर्धन सिंह दत्तीगांव को महज 90,757 वोट मिले।