इजराइल ने कोरोना की तीसरी लहर से जूझने के बाद जिस तरह से वापसी की है, वो किसी भी देश के लिए मिसाल हो सकती है। यहां रैपिड वैक्सीनेशन कार्यक्रम ने देश के लोगों को फिर से खुली हवा में सांस लेने की आजादी दी है। फरवरी से धीरे-धीरे इकोनॉमी को खोला जा रहा है।

वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोगों के लिए शॉपिंग मॉल, जिम खुल चुके हैं। इन्हें सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेने की छूट है। आखिर में, स्कूल भी खोल दिए गए हैं और देश की पूरी आबादी बिना मास्क के कहीं भी आ-जा सकती है। लेकिन बंद स्थानों पर मास्क पहनना अनिवार्य है।

स्वास्थ्य मंत्रालय अब मई से उन नागरिकों को भी छूट देने की योजना बना रहा हैं, जिन्होंने टीका नहीं लिया है और न ही कोरोना से संक्रमित हुए हैं। हर्ड इम्युनिटी तक पहुंचने के आइडिया ने इजराइल में बढ़ती संक्रमण दर को तेजी से गिरा दिया है। आधी से ज्यादा आबादी को टीका लग चुका है। इसी के साथ रेड जोन (सबसे संक्रमित) वाले शहरों में भी अब जीरो मामले दर्ज हो रहे हैं। हालांकि इस बीच कोविड के नए मामलों पर नजर भी रखी जा रही है।

अलग-अलग हिस्सों में स्कूलों में कोविड के नए मामले मिले हैं, इसने चिंताएं बढ़ा दी हैं। अब बच्चों के वैक्सीनेशन की तैयारी की जा रही है। टीकों का ऑर्डर दिया जा चुका है। बस एफडीए की मंजूरी का इंतजार है। इस बीच, इजराइल में इंडियन वेरिएंट के 40 मरीज मिले हैं। इस वजह से 3 मई से 7 देश- यूक्रेन, इथोपिया, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, भारत, मैक्सिको और तुर्की से आने वाले यात्रियों के प्रवेश पर नए क्वारेंटाइन नियम लागू किए जा रहे हैं।

सख्तीः 3 सख्त लॉकडाउन, लोगों की नाराजगी के बाद भी सरकार ने इन नियमों में छूट नहीं दी
इजराइल में बीते साल फरवरी में कोरोना ने दस्तक दी थी। इसके बाद देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य नियम, रेड जोन में सख्त पाबंदी और तीन बार देशव्यापी लॉकडाउन लगा। जनवरी में तीसरी लहर के दौरान हर रोज औसतन 10 हजार केस आ रहे थे। सरकार के खिलाफ नाराजगी के बावजूद उच्च संक्रमण दर और वैक्सीनेशन की शुरुआत तक सख्त नियम लागू रहे। अब आधी से अधिक आबादी के टीकाकरण के बाद धीरे-धीरे रियायतें दी जा रही हैं।

विजनः वैक्सीन के बदले फाइजर के साथ डेटा शेयर कर बदली तस्वीर, दोगुनी कीमत पर खरीदी डोज
वैक्सीन के बदले फाइजर के साथ डेटा साझा करना इजरायल के लिए वरदान साबित हुआ। इसके तहत सरकार ने नागरिकों के लिए फाइजर खुराकों को सुरक्षित करने के लिए टीकाकरण पर रियल लाइफ डेटा दिया। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने तेज टीकाकरण के लिए इजराइल को वैश्विक मॉडल बनाया। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो वैक्सीन की कमी न पड़े, इसलिए इजराइल ने दोगुना रकम देकर 30 डॉलर के हिसाब से वैक्सीन की हर डोज खरीदी।

तेजीः दुनिया का सबसे तेज टीकाकरण अभियान, 62 फीसदी आबादी को दोनों डोज लग चुकी है
इजरायल 62% आबादी का टीकाकरण कर चुका है। स्वास्थ्य मंत्रालय के महानिदेशक चेजी लेवी बताते हैं कि दुनिया के सबसे तेज टीकाकरण से मृत्यु दर व संक्रमण में गिरावट आई है। अब 1,500 से कम सक्रिय मरीज हैं। इनमें 110 गंभीर है। ये परिणाम बताते हैं कि अब लॉकडाउन नहीं लगेगा। 16 साल के कम उम्र के बच्चों के टीकाकरण के लिए एफडीए की मंजूरी का इंतजार है।

आगे की तैयारीः बूस्टर डोज व बच्चों के टीकाकरण के लिए अतिरिक्त लाखों वैक्सीन का ऑर्डर
प्रधानमंत्री नेतन्याहू और स्वास्थ्य मंत्री ने फाइजर और मॉर्डना के साथ करार के बाद घोषणा की है कि अतिरिक्त लाखों वैक्सीन आने के लिए तैयार है। कोरोना वायरस कमिश्नर प्रो. नचमैन एेश कहते हैं कि 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को टीका लगाने के लिए खुराक की जरूरत होगी, जबकि अतिरिक्त खुराक का उपयोग तीसरी खुराक या बूस्टर शॉट के लिए किया जाएगा।