लखनऊ : मायावती को क्या पता था कि वह जिस यूनिवर्सिटी को बनवा कर उद्घाटन कर रही हैं उसी से उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी मुलायम सिंह यादव को डॉक्टरेट की उपाधि मिलेगी? मंगलवार को ऐसा ही हुआ। यूनिवर्सिटी का उद्घाटन बीएसपी सुप्रीम मायावती ने नवंबर 2011 में किया था। उन्होंने इस यूनिवर्सिटी को अपने दादा मंगलसेन को समर्पित करते हुए कहा था, 'मेरे दादा दृष्टिहीन थे, लेकिन उन्होंने परिवार के लिए बहुत कुछ किया। उनकी ही वजह से मैं उच्चतर शिक्षा हासिल कर पाई।'

डॉ. शकुंतला मिश्रा पुनर्वास यूनिवर्सिटी ने मंगलवार को अपना पहला दीक्षांत समारोह मनाया। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मौजूदगी में हुए इस समारोह में समाजवादी पार्टी (एसपी) के प्रमुख मुलायम सिंह यादव को डीलिट (डॉक्टर ऑफ लिटरेचर) की उपाधि से विभूषित किया गया। मुलायम इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भी थे।

दीक्षांत समारोह में 633 छात्रों को पांच शैक्षिक सेशन के लिए डिग्री दी गई। वहीं 43 मेधावी छात्रों को 77 मेडल राज्यपाल राम नाइक की तरफ से दिए गए। इसमें 37 गोल्ड, 20 सिल्वर व 20 ब्रॉन्ज मेडल बांटे गए। कार्यक्रम के दौरान 27 कुलाध्यक्ष मेडल, 33 मुख्यमंत्री मेडल, 6 कुलपति मेडल, मुलायम सिंह यादव के नाम पर 2 गोल्ड मेडल और डॉ. शकुंतला मिश्रा के नाम से 9 गोल्ड मेडल दिए गए। मुख्यमंत्री अखिलेश ने संगीतकार रवींद्र जैन को यश भारती सम्मान देने की घोषणा की। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण मूक-बधिर छात्रों की ओर से सांकेतिक भाषा में राष्ट्रगान की प्रस्तुति रही।

एसपी प्रमुख मुलायम को चांसलर राम नाइक ने मानद उपाधि भेंट की। मेधावी छात्रों को मुलायम और अखिलेश मेडल दिया जाना इस दीक्षांत समारोह की खासियत रही। यह पुनर्वास यूनिवर्सिटी सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. शकुंतला देवी मिश्रा के नाम पर शुरू किया गया था। शकुंतला बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा की मां हैं।

खास बात यह है कि हायर एजुकेशन मिनिस्टरी अखिलेश के ही पास है और वह इस यूनिवर्सिटी की जनरल काउंसिल के चेयरमैन भी हैं। यह काउंसिल यूनिवर्सिटी की सबसे ऊंची अथॉरिटी है, जो कि नीतियों और कार्यक्रमों के बारे में अहम फैसले लेती है।