वाराणसी । वाराणसी में भुगतान के बाद भी जब तय समय पर जब बिल्डर ने फ्लैट नहीं दिया तो इस मामले की शिकायत पीड़ीत ने राज्य उपभोक्ता फोरम में की। इस मामले में फोरम के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने 3.60 करोड़ रुपये का जुर्माना आदेश दिया है। जानकारी के अनुसार वाराणसी निवासी संतोष सिंह ने मुंबई के चैंबूर में रीयल इस्टेट डेवलपर स्पेंटा इन्क्लेव के प्रोजेक्ट में एक फ्लैट बुक कराया था। इसके लिये करीब दो करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, लेकिन तय समय पर फ्लैट नहीं दिया गया।
यही नहीं जांच के लिए परिसर में भी नहीं घुसने दिया गया। इस पर राज्य उपभोक्ता फोरम में उन्होंने वाद दाखिल किया। 3 साल तक कई तारीखों में सुनवाई के बाद फोरम के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने आदेश दिया कि बिल्डर दो करोड़ रुपये वापस करे। इस पर 2016 से 10 फीसदी सालाना ब्याज का भुगतान भी करे। मानसिक कष्ट के रूप में 20 लाख रुपये और वाद व्यय के रूप में 50 हजार रुपये अलग से देने का आदेश दिया है। हर्जाने की ये कुल रकम करीब 3.60 करोड़ रुपये होगी। संतोष सिंह एक बड़ी कंपनी में चीफ इंजीनियर हैं। उन्होंने 2016 में फ्लैट बुक कराया था। इसके लिये 1.5 करोड़ का लोन भी एचडीएफसी बैंक से लिया। तीन साल तक सुनवाई के बाद फोरम ने कहा कि बिल्डर का रवैया लापरवाह है। बार-बार आदेश के बावजूद कंपनी की तरफ से कोई पेश नहीं हुआ। फोरम के आदेश के बाद परिसर में जाने दिया गया, लेकिन फ्लैट नहीं दिया गया। इस दौरान वादी को 30 लाख रुपये किराये के घर में खर्च करने पड़े। बिल्डर दो करोड़ रुपये मय ब्याज के वापस करेगा। इस पूरी रकम का भुगतान दो महीने में करना होगा।
बिल्डर ने नहीं दिया फ्लैट तो उपभोक्ता फोरम ने 3.60 करोड़ का जुर्माना भरने का दिया आदेश
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