जबलपुर । जिला न्यायाधीश डॉ. धर्मेंद्र टाडा की अदालत ने कांग्रेस नेता अजय सिंह राहुल द्वारा दायर मानहानि का मुकदमा प्रमाणित न पाकर निरस्त कर दिया। अजय सिंह ने इस मुकदमे के जरिए भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा, नंद कुमार सिंह चौहान (दिवंगत), कुंवर सिंह और शरदेंदु तिवारी पर 10 करोड़ का दावा किया था। जिस समय यह मुकदमा दायर किया गया था, अजय सिंह चुरहट विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक के अलावा नेता प्रतिपक्ष भी थे। वहीं, प्रभात झा राज्यसभा सदस्य और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे। अजय सिंह का आरोप था कि भाजपा प्रदेशा अध्यक्ष झा सहित अन्य ने 17 फरवरी 2012 को समाचार प्रकाशित कराया था। जिसमें ग्राम चुरहट में कोल आदिवासियों की भूमि पर कब्जा करने की अनुचित बात शामिल थी। यह भी लिखा था कि ग्राम साढ़ा तहसील चुरहट में अजय सिंह राहुल ने अपने भाई अभिमन्यु सिंह को शासकीय भूमि का पट्टा अपने प्रभाव के दुरुपयोग के जरिए गलत तरीके से दिलाया।
आदिवासियों को दिए गए पट्टे की भूमि पर अजय सिंह राहुल के परिवार का कब्जा है। पहाड़ी पर 100 एकड़ भूमि है, जिस पर महुए के पेड़ लगे हैं, वन उपज का आधा हिस्सा सिंह परिवार लेता है। परिवार के एक करीबी मित्र भोपाल में रहते हैं, उनके नाम से चुरहट में जमीन है, जो कि बेनामी संपत्ति है। इसी तरह आदिवासियों को महज सौ-सौ वर्गफीट के प्लाट देकर भूमि से विस्थापित करने आदि के आरोप लगाए गए थे। इससे अजय सिंह राहुल व्यथित हुए और मानमहानि का मुकदमा दायर कर दिया। अदालत ने सुनवाई पूरी करते हुए पाया कि मानहानि के मामले में समाचार प्रकाशित करने वाले पक्षकार हैं, इसके बावजूद उनसे कोई क्षतिपूर्ति नहीं चाही गई। इस तरह आवश्यक पक्षकारों का असंयोजन दोष विद्यमान हो, यह प्रमाणित नहीं है। कुल मिलाकर मानहानि का आरोप साबित नहीं पाया गया। इसलिए मुकदमा निरस्त किया जाता है।