जबलपुर । डीएनए-एफएसएल सहित अन्य रिपोर्ट के आने पर लेटलतीफी को हाईकोर्ट ने संज्ञान में लेते हुए मामले की सुनवाई याचिका के रूप में किये जाने के आदेश जारी किये थे। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ के समक्ष रजिस्ट्रार जनरल की तरफ से फॉरेंसिक रिपोर्ट मामले की जानकारी प्रस्तुत की गयी। युगलपीठ ने सरकार को रिपोर्ट पर जवाब पेश करने समय प्रदान किया है। गौरतलब है कि डीएनए-एफएसएल रिपोर्ट सहित अन्य रिपोर्ट के आने में लेटलतीफी को हाई कोर्ट ने संज्ञान में लेते हुए मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के आदेश जारी किये थे। याचिका में कहा गया था कि देर से रिपोर्ट आने के कारण न्यायालय में लंबित प्रकरण की सुनवाई के देरी होती है। जिसके कारण लंबित प्रकरण की संख्या भी बढ़ती है। याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश शासन के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
समय प्रदान करने का आग्रह
याचिका पर पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से फॉरेंसिक रिपोर्ट पेश करने में प्रगति की रिपोर्ट पेश की गयी। सरकार की तरफ से बताया गया था कि 9015 मामलों में अधिकांश में रिपोर्ट पेश की गयी है। बचे हुए मामलों में फरवरी माह के अंत तक रिपोर्ट पेश की जायेगी। युगलपीठ ने सरकार द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के संबंध में रजिस्ट्रार जनरल को रिपोर्ट पेश करने के आदेश जारी किये थे। रजिस्ट्रार जनरल की तरफ से पेश रिपोर्ट पर जवाब पेश करने सरकार की तरफ से समय प्रदान करने का आग्रह किया गया। युगलपीठ ने आग्रह को स्वीकार करते हुए दो दिन का समय प्रदान किया है।