मैट्रिक की परीक्षा देकर बेंगलुरु घूमने जा रहे झाझा के धपरी निवासी 15 वर्षीय सिकंदर कुमार की ट्रेन से कटकर मौत की सूचना पर पूरा गांव गमगीन हो गया। बेंगलुरु में सिकंदर के बहनोई मजदूरी करते हैं। उन्होंने सिकंदर को वहां घूमने बुलाया था।
बुधवार को झाझा-हावड़ा रेलखंड पर अंग एक्सप्रेस में कलझारिया गांव के पास आग लगने की अफवाह फैली। सिकंदर बोगी से कूदकर अप लाइन में खड़ा हो गया था।इसी दौरान मेमू ट्रेन के गुजरने से सिकंदर की मौत हो गई।
सिंकदर के दोस्तों की ऐसे बची जान
सिकंदर के साथ सोनो थाना क्षेत्र के कुआवांग गांव के लीलो यादव एवं रंजीत कुमार थे। ये दोनों ट्रेन से नहीं कूदे थे जिसके चलते दोनों की जान बच गई और सुरक्षित हैं।
सिकंदर इकलौता पुत्र था
गांव के अधिकलाल यादव का सिकंदर इकलौता पुत्र था। चार दिन पूर्व उसने मैट्रिक की परीक्षा दी थी। उसके पिता मानसिक रूप से कमजोर हैं। सिकंदर ही घर का होशियार पुत्र था। उसकी चार बहनों की शादी हो चुकी है। सिकंदर का परिवार काफी गरीब है।
सिकंदर को साथ लेकर जा रहे लीलो यादव एवं रंजीत ने बताया कि अंग एक्सप्रेस की स्लीपर बोगी में वे लोग बैठे हुए थे। टिकट वेटिंग में था। जमीन पर बैठकर निकले थे। सिकंदर के बहनोई ने सिकंदर को लेकर आने के लिए कहा था। उसके साथ दोनों मजदूरी के लिए बेंगलुरु जा रहे थे।
ट्रेन से धुआं निकलने के बाद तीनों व्यक्ति ट्रेन से नीचे उतरे थे। फिर ठीक होने के बाद तीनों ट्रेन में सवार हुए। कुछ दूर चलते ही ट्रेन के पहिये से काफी धुआं निकलने लगा।
इसे देखते ही लोग ट्रेन से कूदने लगे। इसी दौरान सिकंदर ट्रेन से नीचे कूद गया और पीछे से आ रही ट्रेन की चपेट में आ गया। गांव के लोग सिकंदर के शव को लाने आसनसोल निकल चुके थे।