कराची । पाकिस्तान की वायुसेना में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी वायुसेना के 13 शीर्ष अधिकारियों का कोर्ट मार्शल किया गया है। दरअसल पाकिस्तान वायु सेना (पीएएफ) में मौजूद भ्रष्टाचार के बारे में एक खबर लीक हुई हैं। इसके बाद पीएएफ ने जांच की थी। जांच के बाद 13 अधिकारियों का कोर्ट मार्शल कर दिया गया। इसमें वह अधिकारी भी शामिल है, जिन्होंने बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी लड़ाकू विमान भारत भेजे थे। बालाकोट हवाई हमले के बाद सेवानिवृत्त एयर मार्शल जावेद सईद ने भारत के खिलाफ ऑपरेशन स्विफ्ट रिटॉर्ट शुरू किया। इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तानी एफ-16 लड़ाकू विमानों को कश्मीर भेजा गया था। जिसकी वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान के साथ हवाई फाइट हुई। पाकिस्तान ने दावा किया कि उन्होंने दो भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराया है। वहीं अभिनंदन ने अपने मिराज-2000 बाइसन से पाकिस्तान को अमेरिका से मिले एफ-16 फाइटर जेट को मार गिराया था।
खबर है कि कोर्ट मार्शल का सामना कर रहे सभी 13 अधिकारियों में से सात वरिष्ठ हैं। इन सभी अधिकारियों ने पाकिस्तानी वायुसेना प्रमुख जहीर बाबर सिद्धू के भ्रष्टाचार को उजागर किया था। सभी को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि, कुछ रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि ये सभी ईमानदार अधिकारी हैं। उन पर अत्याचार किया जा रहा है। माना जा रहा है कि पाकिस्तानी वायुसेना प्रमुख अपना कार्यकाल बढ़ाने के लिए अपने प्रतिद्वंद्वी कनिष्ठ अधिकारियों से छुटकारा पा रहे हैं। इस खुलासे के बाद अब वायुसेना प्रमुख मुश्किल में पड़ गए हैं। उन पर हथियारों की खरीद में धांधली का आरोप है। कुछ दिन पहले पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों ने मिलकर वायुसेना प्रमुख जहीर बाबर के खिलाफ श्वेत पत्र जारी किया था। जिसमें कहा गया था कि जहीर ने बहुत कम समय के लिए फाइटर जेट उड़ाए थे। फिर उन्हें किस आधार पर वायुसेना प्रमुख बनाया गया?
भारत से पंगा लेना पाकिस्तानी वायुसेना अधिकारियों को पड़ा मंहगा
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