काठमांडू. नेपाल के प्रधानमंत्री और सत्तारूढ़ सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष के पी शर्मा ओली ने शुक्रवार को पार्टी की सर्वोच्च नीति नियामक संस्था स्थायी समिति का पुनर्गठन किया. इसमें विरोधी माधव कुमार नेपाल और झालानाथ खनल के करीबी नेताओं को शामिल नहीं किया गया है, जिससे अंतर-दलीय दरार और गहरी हो चली है.

ओली ने वरिष्ठ नेता नेपाल के साथ बृहस्पतिवार को मुलाकात की थी जिसके बाद पार्टी की सर्वोच्च संस्था का पुनर्गठन किया गया है. स्थायी समिति का गठन करते हुए ओली ने पूर्ववर्ती नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के अंदर गतिरोध चरम पर पहुंचने के दौरान उनका साथ देने वाले नेताओं को शामिल किया है.

उन्होंने पार्टी के अंदर अपने विरोधी नेपाल-खनल गुट के करीबी नेताओं को समिति से हटा दिया है. उच्चतम न्यायालय ने फैसले में 2018 में सीपीएन-यूएमएल और सीपीएन (माओवादी सेंटर) के विलय से बनी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी को अमान्य घोषित कर दिया था जिसके बाद कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल- यूनिफाइड मार्क्सीस्ट लेनिनिस्ट (सीपीएन-यूएमएल) बहाल हुई. इसके बाद पार्टी के अंदर गुटबाजी शुरू हो गई क्योंकि ओली नीत गुट ने माधव नेपाल नीत खेमे के खिलाफ गुटबाजी की राजनीति का आरोप लगाते हुए एक के बाद एक कार्रवाई शुरू कर दी. दोनों दलों ने 2017 के आम चुनावों में गठबंधन को जीत मिलने के बाद मई 2018 में एकीकृत नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी का गठन किया था.