उज्जैन. महाकाल की नगरी उज्जैन से आने वाली तस्वीरें आपका दिल और दिमाग झकझोर देंगी. कोरोना संक्रमण के कारण यहां की स्थिति भयावह होती जा रही है. मौत अब यहां वास्तव में डराने लगी है. अधजली लाखों को कुत्ते खा रहे हैं और शहर के तीनों शमशान घाटों में वेटिंग चल रही है.उज्जैन में अब शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए परिजन इंताजर नहीं कर रहे. जिसे जहां जगह मिली, वहीं शव जला रहा है. त्रिवेणी मोक्ष धाम में शवों के आने का सिलसिला थम ही नहीं रहा. इतने शव आ रहे हैं कि देर रात तक उनका अंतिम संस्कार किया जा  रहा है. त्रिवेणी पर ही कुत्ते अधजली लाशों को खा रहे हैं.

वाहन स्टेंड के पास ही जल रहे शव
शहर के चक्र तीर्थ शमशान घाट पर भी कुछ इसी तरह का नजारा है. श्मशान घार पर चिता जलाने की जगह नहीं बची, तो अब लोग दो  पहिया वाहन स्टेण्ड के पास  बैठने के लिए रखी बेंच के पास ही शव जलाने को मजबूर हैं.

सरकारी आंकड़ों से श्मशान घाट के आंकड़े 8 गुना ज्यादा
उज्जैन में कोरोना से हो रही मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. रोज हो रही मौतों को लेकर अगर  सरकारी आकंड़े के बात करें तो 1  अप्रेल से 22 अप्रेल तक  24 मौतें कोरोना से हो चुकी हैं. लेकिन, श्मशान में जल रही चिताओं  के अनुसार ये आंकड़ करीब 8 गुना ज्यादा है. इनको संदिग्ध या संक्रमित होने के बाद भी नेगेटिव बताकर अंतिम संस्कार कर दिया गया.

खत्म हो रहे परिवार के परिवार
उज्जैन में कई घरो में परिवार के परिवार खत्म हो रहे हैं. त्रिवेणी मोक्ष धाम में काम करने वाले निगम कर्मी ने बताया कि रोज 8 से 10 शव आ रहे हैं. लेकिन, मोती नगर के रहवासी कहते हैं कि दिन में 15 से 20 बार गाड़िया शव लेकर आ रही हैं.  इस कारण यहां स्थिति भयावह हो रही .

खतरा अभी टला नहीं
23 अप्रैल के हेल्थ बुलेटिन के अनुसार 1750 लोगों की रिपोर्ट आई. इनमें 350 मरीज पॉजिटिव पाए गए. कुल संक्रमितों की संख्या 11007 हो गई है. शुक्रवार को एक और मरीज की मौत हुई. मरने वालों की संख्या बढ़कर 134  हो गई. शुक्रवार को 322 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर पहुंचे.  इसके बावजूद भी लोग लापरवाही कर रहे है. कल ही मास्क नहीं पहनने वाले 47 लोगों पर कार्रवाई हुई. इन पर 11000 हजार का जुर्माना लगाया गया. वहीं 11 अन्य लोगों पर धारा 188 के तहत कार्रवाई की गई.