इस्लामाबाद । फ्रांस में इस्लाम के अपमान के कथित मामले में कटटरपंथियोंके आगे झुकी पाक  सरकार  फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित कर सकती है। इस बारे में  पाकिस्तान सरकार ने फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करने तथा प्रतिबंधित तहरीक-ए-लब्बैक के खिलाफ दायर सभी आपराधिक मामलों को रद्द करने के लिए संसद में प्रस्ताव पेश करने की घोषणा की है। बाद में सत्तारूढ़ तहरीक-ए-इंसाफपार्टी के नेता अमजद अली खान ने नेशनल असेंबली में इस संबंध में प्रस्ताव पेश किया। 
पाकिस्तान सरकार की कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी के साथ लंबी वार्ता के बाद प्रस्ताव लाने के लिए सहमति बनी थी। 
एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि फ्रांसीसी राजदूत का निष्कासन पश्चिमी दुनिया में ईशनिंदा की घटनाओं को रोकने का कोई हल नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘इससे दूसरे देशों में ईशनिंदा की घटनाएं और बढ़ेंगी क्योंकि पश्चिमी देश इसे अभिव्यक्ति की आजादी कहते हैं।’’ पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद ने मंगलवार को एक वीडियो वक्तव्य में कहा था, ‘‘टीएलपी के साथ लंबी बातचीत और उसके साथ बनी सहमति के तहत फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करने पर नेशनल असेंबली में मंगलवार को प्रस्ताव पेश किया जाएगा।’’ राशिद ने कहा कि टीएलपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज आतंकवाद के आरोपों वाले मामलों को वापस लिया जाएगा। इसके अलावा चौथी अनुसूची से टीएलपी नेताओं के नाम भी हटाये जाएंगे। फ्रांसीसी राजदूत को निकालना टीएलपी की चार प्रमुख मांगों में से एक है। पार्टी के सदस्यों द्वारा देशभर में फ्रांस विरोधी प्रदर्शन किये जाने के बाद पिछले सप्ताह उस पर प्रतिबंध लगाया गया था। सोमवार को नेशनल असेंबली का सत्र 22 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। हालांकि मंत्री के बयान के कुछ ही देर बाद घोषणा की गयी कि कार्यक्रम में बदलाव किया गया है और सत्र की बैठक अब 20 अप्रैल को अपराह्न तीन बजे से होगी।